दमिश्क. सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों और नई सरकार के सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पें हुई हैं. यह झड़पें गुरुवार को शुरू हुईं और शुक्रवार तक जारी रहीं, जिनमें अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, यह हिंसा तब भड़की जब सरकारी बलों ने तटीय शहर जबलेह के पास एक वांछित व्यक्ति को हिरासत में लेने की कोशिश की. इस कार्रवाई के विरोध में असद समर्थकों ने सुरक्षा बलों पर हमला कर दिया.
हिंसा का केंद्र लताकिया और टार्टस शहर रहे, जहां सरकार ने कर्फ्यू लागू कर दिया है. सरकारी बलों और असद समर्थकों के बीच संघर्ष में 71 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जिनमें 35 सरकारी सैनिक, 32 पूर्व सैन्य बंदूकधारी और 4 नागरिक शामिल हैं. इसके अलावा, लगभग 10 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. संघर्ष के चलते शीर, मुख्तारियेह और हफ्फा गांवों में हमले हुए, जिनमें 69 पुरुषों की मौत हो गई. बेरूत स्थित अल-मायादीन टीवी के अनुसार, अकेले मुख्तारियेह गांव में 30 से अधिक लोग मारे गए, जबकि बनियास शहर में महिलाओं और बच्चों सहित अन्य 60 लोग मारे गए.
दिसंबर में विद्रोहियों ने असद सरकार को सत्ता से हटा दिया था, जिसके बाद देश में इस्लामी संक्रमणकालीन सरकार की स्थापना हुई. इस परिवर्तन के बाद से यह पहली बड़ी हिंसक घटना है. नई सरकार ने 14 साल के गृह युद्ध के बाद सीरिया को एकजुट करने का वादा किया है. सीरियन ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, असद समर्थकों ने हाल के हमलों के प्रतिशोध में तट के पास स्थित कई गांवों पर हमला किया. रिपोर्ट के अनुसार, इनमें 140 लोग मारे गए, जिनमें से 50 सरकारी सैनिक और 45 असद समर्थक लड़ाके थे. सीरिया की राज्य समाचार एजेंसी स््रहृ्र के अनुसार, सरकारी बलों पर हुए हमलों का बदला लेने के लिए असद समर्थकों ने जवाबी हमला किया, जिसके कारण हिंसा और बढ़ गई. दमिश्क ने लताकिया और टार्टस में कर्फ्यू लागू कर दिया है, और वहां सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है.