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यशवंत पांडेय शिलकुड़ी 30 अक्टूबर।
सी-डैक पूर्वोत्तर केंद्र जो कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार की एक वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास संस्था ने एनआईटी शिलचर स्थित अपने कार्यालय परिसर में “सूचना सुरक्षा एवं प्रगतिशील तकनीक” पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम “आईटी और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्यों के सरकारी अधिकारियों को सशक्त करने” के लिए आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मियों को आईटी और साइबर सुरक्षा में आवश्यक ज्ञान से परिपूर्ण करना था। कार्यक्रम की शुरुआत सी-डैक पूर्वोत्तर केंद्र के आदरणीय निदेशक श्री जितेश चौधरी के एक ज्ञानवर्धक संबोधन से हुई, जिन्होंने कार्यक्षेत्र क्षमताओं को बढ़ाने में प्रशिक्षण के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर जोर दिया। इसके बाद, सी-डैक सिने के प्रशासनिक अधिकारी आलोक दे ने परियोजना के उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा की और प्रतिभागियों के कार्यक्षेत्र विकास के लिए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में मंच संचालन की भूमिका में थे सी-डैक पूर्वोत्तर केंद्र के हिंदी अधिकारी गिरिधारी शर्मा। यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है।
कार्यक्रम के दौरान निम्नलिखित प्रशिक्षकों ने सत्र दिए आलोक दे – प्रशासनिक अधिकारी, सी-डैक सिने (ऑफ़लाइन), हर्षवर्धन सोनी – तकनीकी सहायक सी-डैक सिने (ऑफ़लाइन), दिव्यांशु कुमार – वैज्ञानिक बी, सी-डैक सिने (ऑफ़लाइन)
डॉ. संजय आदिवाल – वैज्ञानिक ई, रा.इ.सू.प्रौ.सं. (ऑनलाइन)
इस कार्यक्रम में असम सरकार के सिंचाई, शिक्षा और पीएचई सहित विभिन्न विभागों के सरकारी अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया ताकि डिजिटल सुरक्षा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों के बारे में उनकी समझ को और विकसित किया जा सके।
6 घंटे के प्रशिक्षण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा सहित प्रमुख विषयों को शामिल किया गया, जिसमें सरकारी कार्यों में डेटा सुरक्षा और परिचालन अखंडता को बढ़ाने में उनके अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित किया गया। सत्रों में परस्पर संवादात्मक चर्चाएँ शामिल थीं, जिससे प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा उपायों और सार्वजनिक क्षेत्र में एआई और ब्लॉकचेन के रणनीतिक उपयोग में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में सक्षम बनाया गया। उपस्थित लोगों की प्रतिक्रिया अत्यधिक सकारात्मक थी, जो सुरक्षित और कुशल सरकारी संचालन सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रशिक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करती है।