नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालना चाहते हैं.
इसके खिलाफ दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि किसानों को दिल्ली में एंट्री दी जाए या नहीं, यह पुलिस तय करेगी. क्योंकि, यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है.
कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा, इस मामले को डील करने के लिए आपके पास पूरी अथॉरिटी है, लेकिन हम यह नहीं कह रहे कि आपको क्या करना चाहिए. 20 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करेंगे.
किसानों की सरकार के साथ कल 11वीं मीटिंग
दोनों पक्षों के बीच मंगलवार को फिर मीटिंग होगी. पिछली 10 में से 9 बैठकें बेनतीजा रहीं. किसान कानून वापसी की मांग पर अड़े हैं. सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के अमल पर फिलहाल रोक लगा दी है, इसलिए अब कानून वापसी के अलावा बताएं कि क्या चाहते हैं?
किसान नेताओं में पहली बार फूट सामने आई
संयुक्त मोर्चा की बैठक में रविवार को हरियाणा भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी पर आंदोलन को राजनीति का अड्डा बनाने, कांग्रेस समेत राज नेताओं को बुलाने और दिल्ली में सक्रिय हरियाणा के एक कांग्रेस नेता से आंदोलन के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपए लेने के गंभीर आरोप लगे. आरोप था कि वह कांग्रेसी टिकट के बदले हरियाणा सरकार को गिराने की डील भी कर रहे हैं. संयुक्त मोर्चे ने एक कमेटी बनाई है, जो 20 जनवरी को रिपोर्ट देगी. उधर, चढूऩी ने सभी आरोपों को खारिज किया है.