नई दिल्ली. मेडिकल एंट्रेस एग्जाम नीट 2024 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई जारी रही. कोर्ट द्वारा रि-एग्जाम से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है. आज सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि किस आधार पर रि-एग्जाम की मांग की जा रही है. उन्होने कहा कि ये स्पष्ट है कि पेपर लीक हुई है. अब सवाल यह उठता है कि इसका दायरा कितना व्यापक है. सिर्फ दो लोगों की गड़बड़ी के कारण पूरी परीक्षा कैंसिल नहीं की जा सकती है. हम ये जानना चाहते है कि एटीए व सरकार ने अब तक पेपर लीक के आरोपियों को पहचानने में क्या कदम उठाए है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सरकार से पूछकर बताएं कि क्या हम साइबर फोरेंसिक विभाग के डेटा एनालिटिक्स यूनिट के जरिए पता नहीं लगा सकते है कि क्या पूरी परीक्षा प्रभावित हुई है. क्या गलत काम करने वालों की पहचान करना संभव है, इस तरह हम उन छात्रों के बारे में जानकारी जुटा सकते हैंए जिन्होंने गड़बड़ी कर फायदा उठाया है. गौरतलब है कि कोर्ट में 38 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जा रही है. इनमें से 34 याचिकाएं स्टूडेंट्स, टीचर्स व कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने दायर की हैं. वहीं 4 याचिकाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने लगाई हैं. 50 से ज्यादा रि-एग्जाम के खिलाफ याचिका लगाई है. इस साल 5 मई को नीट परीक्षा हुई थी. 571 शहरों के 4750 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 24 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. लेकिन यह परीक्षा एग्जाम के पहले ही विवादों में आ गई थी. पेपर लीक व 1563 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क देने के बाद कई छात्रों ने धांधली और गड़बड़ी का आरोप लगाया था. इसे लेकर कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए. विपक्षी दलों ने संसद में यह मुद्दा उठाया. सरकार ने सफाई दी. इस बीच राज्यों के हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा छात्रों ने खटखटाया