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सुसज्जित भारत देश हमारा,
उत्तर में हिमालय,
दक्षिण में रत्नाकर,
पूर्व स्थित अरुणाचल,
पश्चिम ढका रण कच्छ का।
देश निकला,
इतिहासों की भट्टी से,
उग्र अनल लहू की ज्वाला समेटे।
कुर्बानियों का ढेर सजाकर,
निहत्थे लोगों पर ,
हथियार दिखाकर
पहरा था कहीं लुटेरों का!
लेकिन, लेकिन
होता नाज देख व्यक्तित्व
तिलक ,सावरकर ,आजाद,
प्रगति विचारों के संस्कार,
विरचित कहानी नवभारत की।
चीन, पाक, डोकलाम, ढाका, बालकोट की,
उपद्रव करते देख देश ,
राम- कृष्ण का अवतार साधे,
वेद पुराण की ज्ञान यहां,
कबीर रहीम सूर की वाणी
जाति धर्म वर्ण का भेद मिटाया,
कर्तव्य व अधिकारों का पाठ पढ़ाया,
अचूक समुचित निर्णय
की राह दिखायी।
जब-जब आई विपत्ति कहीं,
साथ खड़े मानवता का पाठ लिए,
जितनी आती मुश्किलें,
उतने निखरते हम वासी,
कारगिल ,उरी पाक पर विजय,
दिया जवाब माकूल हमने,
कर दें हम सर्वस्व निछावर,
बन जाएँ हम दाता देश के,
हम भाग्य विधाता देश के।
डोली शाह
निकट- पी एच डी
पोस्ट -सुलतानी छोरा
जिला- हैलाकांदी
असम-788162
मोबाइल-9395726158