नई दिल्ली. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे के कार्यकाल को एक महीना बढ़ा दिया गया है. कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने रविवार को जनरल पांडे के सेवा विस्तार को मंजूरी दी है. विस्तार के बाद जनरल पांडे 30 जून तक सेना के अध्यक्ष रहेंगे. बता दें, पांडे 31 मई को रिटायर होने वाले थे, लेकिन इससे पहले ही उन्हें सेवा विस्तार दे दिया गया.
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने 30 अप्रैल, 2022 को सेना अध्यक्ष का पद संभाला था. उन्होंने जनरल एम.एम. नरवणे की जगह ली थी. सेना अध्यक्ष से पहले पांडे सेना के उप-प्रमुख थे. पांडे सेना प्रमुख बनने वाले कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी हैं. अब तक इन्फैंट्री, आर्मर्ड और आर्टिलरी अधिकारी ही अधिकतर सेना प्रमुख बने हैं. पांडे पूर्वी सेना के कमांडर भी रहे हैं. यह कमान पूर्वोत्तर राज्यों सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रों में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की रक्षा के लिए तैनात है. इसका मुख्यालय कोलकाता में है. लेफ्टिनेंट जनरल पांडे पूर्वी कमान के प्रमुख बनने से पहले अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ थे.
एनडीए से हुई शुरुआत
शुरुआती स्कूलिंग के बाद ले. जनरल मनोज पांडे ने नेशनल डिफेंस अकेडमी ज्वाइन की. एनडीए के बाद उन्होंने इंडियन मिलिट्री एकेडमी जॉइन की और बतौर अफसर कमीशन हुए थे. उन्होंने 3 मई 1987 को सरकारी डेंटल कॉलेज की गोल्ड मेडलिस्ट अर्चना सल्पेकर से शादी की थी.
यूनाइटेड नेशन्स मिशन में बतौर चीफ इंजीनियर काम किया
ले. जनरल मनोज पांडे को दिसंबर 1982 में बॉम्बे सैपर्स में कमीशन मिला, जो कॉर्प्स ऑफ इंजीनियर्स की एक रेजिमेंट है. वह ब्रिटेन के कैमबर्ले के स्टाफ कॉलेज का भी हिस्सा रहे हैं. कोर्स पूरा होने के बाद वह भारत लौट आए और पूर्वोत्तर भारत की माउंटेन ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर नियुक्त किए गए. लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पहुंचने के बाद उन्होंने इथियोपिया और इरिट्रिया में यूनाइटेड नेशन्स मिशन में बतौर चीफ इंजीनियर काम किया. देश के लिए अपनी 37 वर्षों की विशिष्ट सेवा के दौरान पांडे ने आपरेशन विजय और आपरेशन पराक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया है.