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अनिल मिश्र, पटना 19 सितंबर: जी हां जिस तरह पहले रोटी, कपड़ा और मकान लोगों के मुख्य जरूरतों में शामिल था। वहीं अब मोबाइल भी इस मानव जीवन का अहम् हिस्सा बन गया है।अभी के दौर में रोटी, कपड़ा और मकान की नहीं मोबाइल और बाइक लोगो के जरुरतों में अहम् भूमिका निभा रहा है। लोगों के घरों में शौचालय नहीं है लेकिन एक से बढ़कर एक बाइक और महंगी मोबाइल सभी सदस्यों के पास हैं।
बात अगर मोबाइल की हो और उसमें रिल्स बनाने एवं सेल्फी की बात न हो तो यह बेमानी है। मोबाइल के चक्कर में जहां बच्चे एकांकी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वहीं युवा पीढ़ी रिल्स बनाने और सेल्फी लेनें के चक्कर में मौत के मुंह में समा रहे हैं।
कुछ इस तरह की घटना आज बिहार की राजधानी पटना सीटी में देखने को मिला। दरअसल नालंदा जिले की निवासी नितु कुमारी पटना में रहकर बिहार पुलिस के नौकरी के लिए तैयारी कर रही है।आज अचानक उसे पटना के गांधी सेतु पर सेल्फी लेने को सुझी और वह मोबाइल लेकर गांधी सेतु पहुंचकर सेल्फी लेने लगी।इस दौरान उसकी पैर फिसल गई और वह गंगा नदी के धार में बहने लगी।अपने को गंगा नदी के धार में बहते देख वह चिल्लाने लगी।इसी दौरान वहां पर तैनात एसएसबी के जवानों ने दौड़कर रस्सी फेंककर उसे बचाने की कोशिश करने लगा। उसके बाद कुछ जवानों ने वोट लाकर उसका रेस्क्यू कर जान बचा लिया। हालांकि गंगा नदी के पानी से निकलने के बाद नितु कुमारी बेहोश हो गयी।जिसके बाद जवानों ने नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल कंकड़बाग में भर्ती करवाया है। जहां चिकित्सकों ने नितु कुमारी का सेहत ठीक होने की बात कही गई है।
काश नितु कुमारी को सेल्फी लेने की शौक कमजोर होती। तो इस तरह के हादसे उनके साथ नहीं होता।