प्रे.स. शिलचर, 22 फरवरी: सोनाबाड़ीघाट कोनाग्राम में एक नई मस्जिद “रहमानिया जामे मस्जिद” का शिलान्यास किया गया। इस पावन अवसर पर प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना मबरूर अहमद बड़भूइया बागाडहारी ने मस्जिद निर्माण कार्य की आधारशिला रखी।
शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में उनके साथ मौलाना साबिर हुसैन चौधरी अजहरी (पीर संत), मौलाना मंसूर अहमद खान, मौलाना हाजी मुक्तिसार बड़भूइया सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
शिलान्यास समारोह के बाद एक संक्षिप्त सभा आयोजित की गई, जिसमें मौलाना मबरूर अहमद बड़भूइया बागाडहारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि “मस्जिद निर्माण एक पुण्य का कार्य है, जिसमें सभी को योगदान देना चाहिए। आपका दिया गया एक-एक ईंट भी परलोक में आपके लिए सवाब का कारण बनेगा।” उन्होंने सभी से नियमित रूप से नमाज़ अदा करने और नेक अमल करने की भी अपील की।
इस अवसर पर मौलाना साबिर हुसैन चौधरी अजहरी ने हदीस के हवाले से मस्जिद निर्माण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “क़यामत के दिन अल्लाह सात प्रकार के लोगों को अपनी विशेष छाया में रखेंगे, जिनमें मस्जिद निर्माण में योगदान देने वाले भी शामिल होंगे।” उन्होंने सभी से मस्जिद से जुड़ने, नियमित रूप से नमाज पढ़ने और सहयोग देने का आह्वान किया।
मौलाना हाजी मुक्तिसार बड़भूइया ने इस दूरदराज़ इलाके में इस्लामी शिक्षा के प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया।
इमदादुर रहमान ने इस मस्जिद के लिए भूमि दान की है। वे मूल रूप से श्रीभूमि जिले के निवासी हैं और वर्तमान में सोनाबाड़ीघाट में स्थायी रूप से रह रहे हैं। इस अवसर पर उनके पिता मोकलिसुर रहमान भी श्रीभूमि से आकर इस पुण्य कार्य में सम्मिलित हुए।
मस्जिद का नाम “रहमानिया जामे मस्जिद” रखा गया है, जो इस क्षेत्र के लोगों के लिए एक नई इबादतगाह और इस्लामी शिक्षा का केंद्र बनेगी।





















