मास्को। सोवियत संघ के 30 साल पुराने एक सैटेलाइट के अंतरिक्ष में तैर रहे मलबे से टकराने पर ये उपग्रह चकनाचूर हो गया. कोसमोस-2143 या कोसमोस-2145 नाम के इस उपग्रह के नष्ट होने की सूचना सबसे पहले एस्ट्रोफिजिसिस्ट और स्पेस डेब्रिज के विशेषज्ञ जोनाथन मैकडॉवेल ने दी. उन्होंने एक्स पर एक ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. बता दें कि इस घटना के बाद दुनियाभर के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है. क्योंकि अंतरिक्ष में इसी प्रकार का सैकड़ों टन कचरा बिखरा पड़ा है जो दूसरे अंतरिक्षयानों और उपग्रहों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. बता दें कि अंतरिक्ष में पिछले 6 दशकों के दौरान भेजे गए हजारों कृत्रिम उपग्रहों को मलबा तैर रहा है. जो लगातार खतरा पैदा कर रहा है.
स्पेस डेब्रिज विशेषज्ञ मैकडॉवेल ने एक्स पर लिखा, “एक और संभावित कक्षीय प्रभाव घटना: 1991 में लॉन्च किए गए एक निष्क्रिय सोवियत संचार उपग्रह से 7 मलबे वाली वस्तुओं को सूचीबद्ध किया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि मलबा या तो कॉसमॉस-2143 या कॉसमॉस-2145 का है, जो एक ही रॉकेट पर लॉन्च किए गए 8 स्ट्रेला-1एम सैट में से दो हैं” शोधकर्ताओं के मुताबिक, 500 मील यानी 800 किमी से अधिक ऊंचाई पर छोड़े गए पुराने सोवियत उपग्रह और इस्तेमाल के बाद पीछे छोड़े गए रॉकेट स्टेज अंतरिक्ष स्थिरता के लिए बड़ी चिंता का विषय हैं. जो आने वाले समय में दूसरे उपग्रहों को भी खतरा पैदा कर सकते हैं.
स्पेस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिक्ष में पुराने सैटेलाइटों का मलबा अंतरिक्ष में इतनी ऊंचाई पर तैर रहा है कि वह तमाम कोशिशों के बाद भी जमीन पर नहीं गिर रहा. बता दें कि फरवरी 2009 में, कॉसमॉस-2143 और कॉसमॉस-2145 अंतरिक्ष यान का एक और संबंधी कॉसमॉस 2251 नाम का एक उपग्रह, पृथ्वी से 490 मील यानी 789 किमी ऊपर अमेरिकी दूरसंचार कंपनी इरिडियम के एक उपग्रह से टकरा गया था. जो अंतरिक्ष में एक विशालकाय रूप ले चुका था.
बता दें कि इसी साल जनवरी में सोवियत का एक जासूसी उपग्रह और सोवियत का ही एक रॉकेट स्टेज पृथ्वी से करीब 1000 किमी ऊपर आपस में टकरा गए थे. ये दोनों सैटेलाइट निष्क्रिय हो चुके थे. टकराने के बाद इन दोनों सैटेलाइट के हजारों टकड़े हो गए जो अंतरिक्ष में बिखर गए. शोधकर्ताओं का कहना है कि शायद हम कभी ये नहीं जान पाएंगे कि मैकडॉवेल द्वारा बुधवार को रिपोर्ट की गई कोस्मोस विखंडन का क्या कारण था. बता दें कि पृथ्वी के रडार केवल 4 इंच (10 सेमी) से बड़ी वस्तुओं को ही ट्रैक करते हैं. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, वर्तमान में लगभग 34,550 इसी तरह की वस्तुओं का मलबा अंतरिक्ष में तैर रहा है.