क्या है पूरा मामला?
प्रसेनजीत दास, जो निरंजन पाल इंस्टीट्यूट में कक्षा दसवीं का छात्र था, हमेशा की तरह 25 नवंबर को स्कूल गया था। वहां किसी अज्ञात कारण से उसकी आशीष दास नामक सहपाठी से कहासुनी हो गई, जो मारपीट में बदल गई। झगड़े के दौरान प्रसेनजीत के गर्दन में गंभीर चोट आई, जिससे वह मौके पर ही बेहोश हो गया और उसे उल्टियां भी होने लगीं।
स्कूल के कुछ छात्रों ने उसे तत्काल डॉक्टर के पास ले जाकर प्राथमिक उपचार दिलाया और फिर घर भेज दिया। शुरू में उसकी तबीयत स्थिर लग रही थी, लेकिन धीरे-धीरे उसकी हालत बिगड़ने लगी। परिजन उसे शिलचर में इलाज के लिए ले गए, लेकिन सुधार न होने पर डॉक्टरों की सलाह पर उसे गुवाहाटी के जी.एन.आर.सी. अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां 17 दिसंबर से इलाज चला, लेकिन 24 दिसंबर को उसकी मौत हो गई।
परिजनों का प्रशासन पर गंभीर आरोप
रविवार को मृतक के माता-पिता चिरंजीत दास और मीनती दास ने मीडिया के सामने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि स्कूल की प्रधानाचार्या पुष्पलता सिन्हा ने अब तक इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं की है। जब परिजन बार-बार स्कूल जाकर प्रशासन से जवाब मांगने की कोशिश करते, तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता।
मृतक के पिता चिरंजीत दास का कहना है कि अगर स्कूल प्रशासन सतर्क होता, तो उनके बेटे को बचाया जा सकता था। इस लापरवाही के खिलाफ उन्होंने नेशनल हाईवे थाना में स्कूल प्रशासन के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है और कछार जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
समाज का समर्थन
इस अवसर पर समाज के कई लोग पीड़ित परिवार के समर्थन में आगे आए, जिनमें श्रीधर दास, अजय दास, अनिल दास, सरदा दास, पिंटू दास, रीना दास, प्रमिला दास, जय दास सहित कई अन्य शामिल थे।
परिजनों और स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।




















