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१२ सितंबर शिलचर – स्मार्ट मीटर बंद करने की मांग को लेकर आज उधारबंद के पानग्राम में बिजली उपभोक्ताओं की बैठक हुई। बैठक में ऑल असम इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य निर्मल कुमार दास, दीपांकर चंद, संगठन के सदस्य नेहारुल अहमद मजूमदार, खदेजा बेगम लश्कर और असम राज्य समिति के संयोजक हिलोल भट्टाचार्य उपस्थित थे। वहां मौजूद ग्राहकों ने एकत्रित होकर आवाज उठाई कि स्मार्ट मीटर को लोगों को लूटने का जरिया बनाना बंद किया जाए, बिजली वितरण व्यवस्था के निजीकरण का जरिया प्रीपेड स्मार्ट मीटर को रद्द किया जाए, स्मार्ट मीटर को वापस लिया जाए, डिजिटल मीटर को वापस किया जाए, लोगों को लूटना बंद किया जाए। बैठक में नेहारुल अहमद मजूमदार, हिलोल भट्टाचार्य, दीपांकर चंद, निर्मल कुमार दास ने संबोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि लोग स्मार्ट मीटर के लिए आवाज नहीं उठा रहे हैं बल्कि सरकार बड़े कॉरपोरेट समूहों के मुनाफे के लिए हर घर में स्मार्ट मीटर लगाना चाहती है. दीपांकर चंद ने कहा कि बिजली वितरण व्यवस्था के निजीकरण की मंशा से स्मार्ट मीटर लगाये जा रहे हैं. इस मीटर पर असम के नागरिकों द्वारा बिजली बिल बढ़ाने का आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अब शिकायतकर्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर के साथ-साथ पुराने डिजिटल मीटर भी लगाने की बात कर रही है. यानी डिजिटल मीटर और स्मार्ट मीटर में कोई अंतर नहीं है. हजारों करोड़ रुपये की लागत से ये स्मार्ट मीटर क्यों लगाया जा रहा है? उन्होंने सभी से गुरुवार, १९ सितंबर को सुबह ११ बजे सिलचर के नरसिंगटोला मैदान में इकट्ठा होने का आग्रह किया। निर्मल कुमार दास ने कहा कि स्मार्ट मीटर भविष्य में बिजली उपभोक्ताओं को और अधिक गंभीर नुकसान पहुंचाएगा। सरकार ‘टीओडी’ प्रणाली शुरू करने जा रही है। यह सिस्टम दिन और रात के दौरान दूध्रान बिल जेनरेट करेगा। रात का बिल दिन से दोगुना हो जायेगा. इससे आम लोग बिजली का उपयोग नहीं कर सकेंगे. हिलोल भट्टाचार्य ने कहा कि ११ सितंबर को राज्य के हजारों बिजली उपभोक्ताओं ने गुवाहाटी में बिजली भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया था. राज्य के सभी भाषा-भाषी, विभिन्न धर्मों के लोग एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं. उधारबंद के पानग्राम में भारतीय समाज कल्याण परिषद के पदाधिकारी क्रमश: माहिम लश्कर, जुबैर अहमद व अन्य ने बताया कि स्मार्ट मीटर को रद्द करने की मांग को लेकर वे पिछले साल से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे १९ सितंबर को शिलचर के नरसिंगटोला मैदान में आयोजित जन रैली और जन मार्च में भाग लेंगे।