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चाँद की धुन 
समुद्र की गुन 
जीवन की रस्सी में 
बुनते हैं हम खुशियाँ 
हर साँझ की गोद में,
सपनों की कोई कश्ती तैरती है 
हवाओं में उम्मीद की सुगंध बहती है 

मन की वीणा पे झनकार होती है 
तारों की चादर ओढ़कर,
हम चलते हैं सुकून के सफर में 
जहाँ ना हो कोई दर्द की छाया,
बस हो साथ तुम्हारा अमिट असर में 
हर मुस्कान एक कविता बनती है 
हर आँसू से सींचते हैं उम्मीदों की जड़ें 
Name :- Deepali Singh
Class :- B.com 2nd sem
College name :- First grade college KR Puram Bangaluru.





















