वाशिंगटन. अमेरिका के हवाई द्वीप पर स्थित माउई के जंगलों में पिछले दिनों लगी भीषण आग पर अब तक काबू नहीं पाया जा सका है. इस आग में जलकर अब तक 89 लोगों की मौत हो चुकी है. इस भीषण आग को अमेरिका में सदी की सबसे भीषण आग माना जा रहा है. इस आग ने कई रिहायसी इलाकों को भी अपने चपेट में ले लिया है. इस आग में कई ऐतिहासिक स्थल जल कर खाक हो चुके हैं. अमेरिका के मौसम विभाग के मुताबिक, हवाई के जंगल में लगी भीषण आग का जिम्मेदार चक्रवात डोरा है. इसी चक्रवात की तेज हवाओं के चलते ही आग तेजी से फैली है.
इस आग से हुई क्षति का असर शनिवार को देखा गया. जब खोजी दल कुत्तों के साथ लाहिना के खंडहरों की छानबीन कर रहे थे. चार दिन बाद तेजी से बढ़ती आग ने ऐतिहासिक रिसॉर्ट शहर को नष्ट कर दिया. तमाम इमारतें और कारें इस आग में नष्ट हो गईं.
संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (फेमा) के मुताबिक, लाहिना के पुनर्निर्माण की लागत $5.5 बिलियन आंकी गई थी, जिसमें 2,200 से अधिक संरचनाएं क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं हैं साथ ही 2,100 एकड़ (850 हेक्टेयर) से अधिक जल गईं हैं. स्थानीय गवर्नर जोश ग्रीन ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अधिक शव मिलने से मरने वालों की संख्या में वृद्धि जारी रहेगी. वहीं स्थानीय निवासियों ने कहा कि आग ने उनके घरों को अपनी चपेट में ले लिया.
बता दें कि हवाई के जंगल में मंगलवार को भड़की आग लग गई जो इतिहास में अब तक की सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा मानी जा रही है. जिससे मरने वालों की संख्या ने 1960 में आई सुनामी को भी पीछे छोड़ दिया. जिसमें हवाई के अमेरिकी राज्य बनने के एक साल बाद 61 लोग मारे गए थे. साल 2018 में कैलिफोर्निया के पैराडाइज शहर में लगी आग में 85 लोग मारे गए थे. वहीं 1918 के बाद से जंगल की आग से मरने वालों की सबसे अधिक संख्या है, जब मिनेसोटा और विस्कॉन्सिन में क्लोक्वेट आग ने 453 लोगों की जान ले ली थी.