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हाइलाकांदी के मोनाचेरा ग्राम पंचायत से ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ

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सतत कृषि विकास की दिशा में किसानों को वैज्ञानिक जानकारी से सशक्त बनाने की पहल

हाइलाकांदी, 29 मई 2025
भारतीय कृषि को वैज्ञानिक ज्ञान और सरकारी योजनाओं के साथ जोड़ते हुए किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ आज हाइलाकांदी जिले के मोनाचेरा ग्राम पंचायत से हुआ। यह अभियान 29 मई से 12 जून 2025 तक चलेगा और देशभर के 700 जिलों में 1.5 करोड़ से अधिक किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखता है।

इस अभियान में कृषि, मत्स्य, पशुपालन विभाग, ASRLM, तथा 2000 से अधिक वैज्ञानिकों और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) की सक्रिय भागीदारी है। इसका उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों के प्रति जागरूक करना, सतत एवं समावेशी कृषि विकास को बढ़ावा देना, और केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाना है।

कार्यक्रम की शुरुआत ‘कृषि रथ’ के ध्वजारोहण से

हाइलाकांदी जिले में अभियान की शुरुआत लाला विकास खंड के सद्भावना हॉल में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम के साथ हुई। शुभारंभ अवसर पर ‘कृषि रथ’ को झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो एक मोबाइल जागरूकता वाहन है, जिसमें श्रव्य-दृश्य माध्यमों एवं सूचना प्रदर्शनियों के ज़रिए किसानों को जानकारी दी जाएगी।

कार्यक्रम में 9 ग्राम पंचायतों से 457 ग्रामीणों और 13 विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया। विशिष्ट अतिथियों का स्वागत ग्रामीणों द्वारा “एक मुट्ठी अनाज” अर्पित कर किया गया, जो किसान समुदाय की एकता और कृतज्ञता का प्रतीक था।

वैज्ञानिकों और अधिकारियों द्वारा उपयोगी जानकारियाँ साझा की गईं
  • श्री संदीप कुमार, वैज्ञानिक, ICAR-NBSSLUP ने मल्टीपल क्रॉपिंग, धान के बाद सरसों और अलसी की खेती, और धानचा बोने जैसे वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने की अपील की, जिससे मृदा की उर्वरता बनी रहे।
  • श्री दिव्यज्योति फूकन, जिला कृषि अधिकारी ने PMKSY, PMFBY, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, PM-KISAN और KCC जैसी योजनाओं की जानकारी दी और किसानों से इनका लाभ उठाने का आग्रह किया।
  • डॉ. जयंता तालुकदार, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुधन स्वास्थ्य और नस्ल सुधार संबंधित योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने ALDA के माध्यम से चारा विकास और टीकाकरण कार्यक्रमों की जानकारी दी।
  • डॉ. अब्दुस सलाम, जिला मत्स्य पालन अधिकारी ने PMMSY के तहत तालाब निर्माण, कोल्ड स्टोरेज, कौशल विकास प्रशिक्षण, केज कल्चर आदि योजनाओं की जानकारी साझा की।
  • डॉ. विजय छेत्री, विषय विशेषज्ञ (पशु विज्ञान), ने खरीफ मौसम के लिए KVK की तैयारियों की जानकारी दी और कृषि में पशुपालन के एकीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
  • श्री पराग दास, ASRLM प्रतिनिधि ने महिला सशक्तिकरण, SHGs, कृषि सखी, पशु सखी, और सामुदायिक संसाधन आधारित उद्यमिता मॉडल की जानकारी दी।
  • डॉ. सौरभ शर्मा, विषय विशेषज्ञ (पादप संरक्षण), ने प्राकृतिक खेती, IPM (एकीकृत कीट प्रबंधन) और पर्यावरण-अनुकूल कृषि तकनीकों को अपनाने की सलाह दी।
धन्यवाद ज्ञापन और अभियान के प्रति प्रतिबद्धता

कार्यक्रम का समापन श्री अरिंदम चौधरी, सहायक, ICAR-KVK हाइलाकांदी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया और इस अभियान को सफल बनाने के लिए किसानों एवं विभागों से सहयोग की अपील की।


यह अभियान न केवल किसानों को वैज्ञानिक जानकारी और योजनाओं से जोड़ने का माध्यम है, बल्कि सतत, समावेशी और पर्यावरण अनुकूल कृषि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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