प्रे.स. शिलचर, 13 मार्च: हाइलाकांदी नगर परिषद के 12 नंबर वार्ड में हाल ही में शुरू हुए नाले के निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। स्थानीय निवासियों ने इस संबंध में विरोध दर्ज कराते हुए मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वार्ड की ओर से बोलते हुए सौरव दास ने बताया कि 12 नंबर वार्ड में जल निकासी की समस्या वर्षों से बनी हुई थी। हल्की बारिश होने पर भी जलभराव की स्थिति पैदा हो जाती थी, जिससे स्थानीय निवासियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती थी। इस समस्या के समाधान के लिए वे लंबे समय से एक नाले की मांग कर रहे थे। जब नगर परिषद ने इस मांग को स्वीकार करते हुए नाले के निर्माण कार्य को मंजूरी दी, तो वार्डवासी बेहद खुश हुए।
छह फुट चौड़ी जगह में दो फुट का नाला, विरोध के बाद भी तेज हुआ निर्माण कार्य
सौरव दास ने बताया कि चार दिन पहले नाले के निर्माण कार्य की शुरुआत हुई, लेकिन वार्डवासियों ने देखा कि जहां सरकारी जमीन छह फुट से अधिक चौड़ी उपलब्ध है, वहां महज डेढ़ से दो फुट चौड़ा नाला बनाया जा रहा है। जब स्थानीय लोग इस पर आपत्ति जताने के लिए ठेकेदार से मिले, तो उसने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। बाद में जब वार्ड के नगर पार्षद प्रतिनिधि चंदन सेनगुप्ता से सवाल किया गया, तो उन्होंने भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया।

निराश होकर वार्डवासियों ने नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (एक्जीक्यूटिव ऑफिसर) से मुलाकात की और उन्हें इस अनियमितता के खिलाफ लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत में उन्होंने मांग की कि यदि छह फुट चौड़ा नाला बनाया जाए तो पूरे वार्ड को जल निकासी की सुविधा मिलेगी, जबकि दो फुट चौड़े नाले से कोई लाभ नहीं होगा। वार्डवासियों ने नाले के निर्माण कार्य को तत्काल रोकने और पूरी जमीन का उपयोग कर नाले के निर्माण की मांग की।
रात के अंधेरे में जारी रहा निर्माण, सवालों के घेरे में प्रशासन
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने तुरंत संबंधित इंजीनियर को बुलाया और इस मुद्दे पर जवाब मांगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस पर उचित कार्रवाई करेंगे। लेकिन वार्डवासियों के मुताबिक, उनकी शिकायत दर्ज होने के 24 घंटे के भीतर ही निर्माण कार्य की गति और तेज कर दी गई। जहां पहले महज पांच मजदूर काम कर रहे थे, वहां अचानक 25 से अधिक मजदूरों को लगाकर तेजी से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। यही नहीं, रात के अंधेरे में भी निर्माण कार्य जारी रहा, जिससे संदेह और गहरा हो गया।
सौरव दास और अन्य स्थानीय निवासियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कार्यकारी अधिकारी से सवाल किया कि ठेकेदार को उनकी अनुमति के बिना इस तरह से निर्माण कार्य तेज करने का साहस कैसे मिला? क्या इसके पीछे कोई गहरी साजिश छिपी हुई है?
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सौरव दास के साथ अनिता सोम, मित्रा दे, अभिजीत दे, संगीता दास समेत कई स्थानीय निवासी मौजूद थे। उन्होंने प्रशासन से इस भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।





















