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प्रीतम दास हाइलाकांदी, 30 मई: हाइलाकांदी के तीनों विधायक और लोक स्वास्थ्य तकनीकी विभाग हाइलाकांदी में जीवन मिशन परियोजना को लागू करने में विफल साबित हो रहे हैं। हाइलाकांदी जिले में शुद्ध पानी के लिए हाहाकार. जहां केंद्र सरकार तथाकथित ‘जल जीवन मिशन’ के नाम पर राज्य में करोड़ों रुपये बहा रही है, वहीं हकीकत में हाइलाकांदी जिले में पीने के पानी के लिए लोगों का रोना थमने का नाम नहीं ले रहा है। लोक स्वास्थ्य तकनीकी विभाग (पीएचई) की जल जीवन परियोजना तीन साल पहले उपनगरीय गांव दक्षिण तोपखाना में बनाई गई थी, लेकिन आज भी एक भी घर में शुद्ध पेयजल की एक बूंद नहीं पहुंची है। नदी का पानी अब उनकी एकमात्र उम्मीद है और गांव के लोग उसी पानी को इकट्ठा करके अपना दैनिक काम को अंजाम दे रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने स्थानीय विधायक जाकिर हुसैन लस्कर और पीएचई विभाग के खिलाफ आक्रोश जताया। उन्होंने आरोप लगाया, ‘हमारे गांव में जल जीवन मिशन आया और संबंधित ठेकेदार ने सिर्फ निर्माण करके छोड़ दिया। हकीकत में हमें पानी नहीं मिलता। तीन साल बीत गए, हमारे घरों में पीने के पानी की एक बूंद भी नहीं पहुंची। हम धलेश्वरी नदी का प्रदूषित पानी पीकर गुजारा कर रहे हैं।’ स्थानीय लोगों का दावा है कि अगर तुरंत पानी की आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो वे बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से अपील की कि वे दक्षिण तोपखाना के लोगों को इस मौत के जाल से बचाने के लिए अभी से प्रभावी कदम उठाएं। हमें शब्दों में नहीं, असलियत में पानी चाहिए – यहां मौजूद प्यासे लोगों की यही एकमात्र मांग है।





















