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हाइलाकांदी में “माँ के नाम एक पेड़” कार्यक्रम: प्रशासन, वन विभाग और रेशम उत्पादन विभाग की संयुक्त पहल पर सामो के पेड़ लगाए गए

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प्रीतम दास, हाइलाकांदी, १८ अगस्त: भारत सरकार के निर्देशानुसार, पूरे देश में “माँ के नाम एक पेड़” नामक एक विशेष पहल शुरू की गई है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और उसे हरा-भरा बनाने के साथ-साथ मातृत्व का सम्मान करते हुए वृक्षारोपण की संस्कृति का विकास करना है। इसी विशेष योजना के तहत, हाइलाकांदी ज़िले में भी बड़े पैमाने पर सामो वृक्षारोपण कार्यक्रम शुरू किया गया है।
यह वृक्षारोपण कार्यक्रम १३अगस्त से ईसीसी मोहनपुर और वीजीआर बोल्डाबोल्डी क्षेत्रों में आधिकारिक रूप से शुरू किया गया। हाइलाकांदी प्रशासन, वन विभाग और रेशम उत्पादन विभाग की संयुक्त पहल पर आयोजित इस परियोजना के उद्घाटन अवसर पर एडीएस हाइलाकांदी के क्षेत्र अधिकारी मासुक अहमद लस्कर, डीडीसी हाइलाकांदी और वन विभाग के डीएफओ अखिल दत्त उपस्थित थे। उन्होंने संयुक्त रूप से वृक्षारोपण की शुरुआत की और लोगों को इस कार्यक्रम के महत्व से अवगत कराया।
वन विभाग के डीएफओ अखिल दत्त ने कहा, “शोम वृक्ष न केवल पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि रेशम उद्योग के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह कार्यक्रम आगे चलकर हाइलाकांदि ज़िले की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण को समृद्ध करेगा।”
एडीएस हाइलाकांदी के क्षेत्र अधिकारी, मासुक अहमद लस्कर ने कहा, “माँ के नाम पर वृक्षारोपण कार्यक्रम के माध्यम से हम पर्यावरण संतुलन की रक्षा करना चाहते हैं और आने वाली पीढ़ी को एक सकारात्मक संदेश भी देना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हर पेड़ माँ के प्यार और आशीर्वाद का प्रतीक बने।”
वहीं, डीडीसी हाइलाकांदी भी उपस्थित थे और उन्होंने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए प्रशासन के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “यह वृक्षारोपण कार्यक्रम न केवल सजावटी है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।”
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से यह वृक्षारोपण कार्यक्रम सुचारू रूप से और खूबसूरती से आयोजित किया जा रहा है। प्रशासन और संबंधित विभागों के अधिकारी पौधों की दैनिक निगरानी कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे ठीक से विकसित हों।
स्थानीय निवासियों ने भी इस पहल का स्वागत किया है। उनके अनुसार, सरकार के इस कदम से न केवल पर्यावरण की रक्षा होगी, बल्कि भविष्य में अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
कुल मिलाकर, “माँ के नाम एक पेड़” कार्यक्रम के तहत हाइलाकांदी में शुरू किए गए शोम वृक्षारोपण ने एक नई मिसाल कायम की है। यह पहल निस्संदेह पर्यावरण-अनुकूल समाज के निर्माण की दिशा में भविष्य के लिए आशा की किरण बनेगी।

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