ए. मजूमदार, प्रेरणा भारती, हाइलाकांदी, 27 मार्च: रमजान के पवित्र महीने के अंतिम चरण में हाइलाकांदी जिले के मस्जिदों में श्रद्धालु मुसलमान एतिकाफ मना रहे हैं। ईदुल फितर का चांद नजर आने तक मोमिन रमजान की सबसे पाक रात ‘शब-ए-कद्र’ की तलाश में इबादत में मशगूल हैं। मस्जिदों में डटे ये अकीदतमंद रोजेदार अपने गुनाहों की माफी और आत्मशुद्धि की कामना में रात-दिन अल्लाह की इबादत कर रहे हैं।
इस दौरान वे कुरान पाठ, नफल नमाज, दुआ और तस्बीह में लीन रहकर अल्लाह की रहमत और मगफिरत की उम्मीद कर रहे हैं। धार्मिक महफ़िलों में इस्लामी विद्वान कुरान की तफसीर (व्याख्या) प्रस्तुत कर रहे हैं और विश्व शांति के लिए प्रार्थनाएं की जा रही हैं। समाज के विभिन्न तबकों के लोग इफ्तार के आयोजन के जरिए सौहार्द और भाईचारे को और मजबूत कर रहे हैं।
इसी क्रम में, जिले के विभिन्न मदरसों और प्रशिक्षण केंद्रों में एक माह तक चला दारुल केरात प्रशिक्षण कार्यक्रम अब अपने अंतिम चरण में है। इस प्रशिक्षण में सैकड़ों छात्रों ने पवित्र कुरान पाठ और ताजविद (शुद्ध उच्चारण) का गहन अध्ययन किया है। प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरांत प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र (सनद) वितरित किए जाएंगे।
रमजान के अंतिम दिनों में दर्स-ए-कुरान की तफसीर (व्याख्या) भी मुकम्मल होने वाली है, जहां इस्लामी विद्वान आम मुसलमानों को कुरान के मर्म और संदेश को सरल भाषा में समझा रहे हैं। यह धार्मिक शिक्षा आम श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक प्रेरणा का स्रोत बन रही है।
इस बीच, रमजान के समापन के साथ ही ईदुल फितर के त्योहार की तैयारियां जोरों पर हैं। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है और खरीदारी शुरू हो चुकी है। जैसे ही चांद नजर आएगा, पूरे जिले में ईद का जश्न धूमधाम से मनाया जाएगा।