जालौन, 20 अक्टूबर। पासपोर्ट नवीनीकरण को लेकर “हाईकोर्ट” ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर आपराधिक मुकदमा विचाराधीन है तो पासपोर्ट को रिन्यू कराने से रोका नहीं जा सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जालौन निवासी एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए, पासपोर्ट अधिकारी को पासपोर्ट के नवीनीकरण करने के आदेश दिए है।
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जालौन जिले के निवासी सैय्यद गयासुद्दीन के पासपोर्ट के रिन्यू न होने पर पासपोर्ट अधिकारी को निर्णय लेने का निर्देश दिया है। याची के विरूद्ध थाना कोतवाली कालपी में FIR दर्ज है। जिसके कारण पासपोर्ट का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है। पासपोर्ट की अवधि 26 जून 2023 को समाप्त हो चुकी है। आपराधिक मामला विचाराधीन तो रिन्यू से न रोके
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ तथा न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की खंडपीठ ने याची गयासुद्दीन के अधिवक्ता चन्द्र कान्त त्रिपाठी को सुनकर दिया है। भारत सरकार के अधिवक्ता ने याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने पवन कुमार राजभर बनाम भारत संघ केस का हवाला देकर कहा कि आपराधिक प्रक्रिया विचाराधीन होने पर पासपोर्ट के नवीनीकरण को रोका नहीं जा सकता है, और याचिका को निस्तारित कर दिया है।