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हिंदीभाषी समन्वय मंच की बैठक, 5 अक्टूबर को हिंदी दिवस समारोह
शिवकुमार,शिलचर। हिंदीभाषी समन्वय मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक आज विद्यासागर शरणी स्थित आचार्य आनंद शास्त्री के आवास पर संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता डॉ. रीता सिंह ने की।बैठक में सबसे पहले संगठन की गतिविधियों की समीक्षा की गई और आगे इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए समिति के पुनः गठन पर विस्तार से चर्चा हुई। उपस्थित सदस्यों ने इस बात पर बल दिया कि मंच को अधिक सक्रिय और जनोन्मुखी स्वरूप देने के लिए नई ऊर्जा और जिम्मेदारी के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।

बैठक में यह भी तय किया गया कि मंच की ओर से आगामी हिंदी दिवस समारोह का आयोजन 5 अक्टूबर को प्रातः 10:30 बजे किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन शिलांग पट्टी वूमेंस कॉलेज के सभागार में होगा। इस अवसर पर भाषण और कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हिंदी भाषा की महत्ता, साहित्य और समाज में उसकी भूमिका पर विचार-विमर्श होगा। जुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि समारोह के दौरान असम के लोकप्रिय और चर्चित गायक जुबिन गर्ग को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। जुबिन गर्ग ने असमिया, हिंदी और कई अन्य भाषाओं में अपनी आवाज़ दी और अपनी कला से पूर्वोत्तर भारत के संगीत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। वे असम की सांस्कृतिक पहचान और युवा पीढ़ी के आदर्श कलाकार रहे। मंच के सदस्यों का कहना था कि जुबिन गर्ग का योगदान अमिट है और उन्हें याद करना हिंदी दिवस समारोह को और भी सार्थक बना देगा। बैठक में महासचिव दिलीप कुमार, प्रमोद साह, डॉ. रीता सिंह, रितेश नूनिया और आचार्य आनंद शास्त्री मौजूद रहे। बैठक के दौरान मंच के उद्देश्यों को लेकर भी गंभीर मंथन हुआ। कोषाध्यक्ष राजन कुंवर ने कहा कि मंच की गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाने और आने वाले कार्यक्रमों के आयोजन में सभी की भागीदारी महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने हिंदीभाषी समाज से अपील की कि अधिक से अधिक लोग इस आयोजन में सम्मिलित होकर हिंदी भाषा और संस्कृति के प्रति अपनी एकजुटता प्रदर्शित करें।बैठक के अंत में सभी सदस्यों ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि हिंदी दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि हिंदी भाषा के सम्मान और इसके प्रचार-प्रसार का अवसर है। मंच के प्रतिनिधियों ने कहा कि हिंदी हमारी साझा पहचान की भाषा है और इसके संरक्षण और संवर्धन की जिम्मेदारी सभी पर समान रूप से है।





















