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हिंदी भारत का एक मात्र भाषा जो विदेशों में भारत का पहचान दिलाती है। भारत का पहचान केवल मात्र हिंदी से है। असम सरकार को जातीय स्तर पर पहचान रखने के लिए हिंदी को अपनाना चाहिए। देश में हर जगह हिंदी बोल सकते है। राष्ट्रवाद हमारी पहचान और अखंडता संप्रभुता के लिए हिंदी को अपनाना चाहिए। आज बहुराष्ट्रीय कंपनी बहुत सी महत्वपूर्ण स्थान हिंदी को देती है । आज भारत का बाजार को देख कर हिंदी अनुवादक ले रहे है। सरकार को गंभीरता से इस विषय को देखना जरूरी है। हिंदी को भारत का संबिधान जिस भाषा को राजभाषा का दर्जा दिया है, उसे हर नागरिक को सम्मान देना चाहिए।
पृथ्वीराज ग्वाला फकीरटीला, शिलचर