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हिंदी_पखवाड़ा’ पर समस्त हिंदी प्रेमियों को हार्दिक शुभकामनायें।

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भारत में आजादी के समय से ही अंग्रेजी शिक्षा- दीक्षा को अधिक महत्त्व दिया गया है। इस समय तो अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने का भ्रमजाल इतना फैल चुका है कि राज्यों में संचालित परिषदीय विद्यालयों में भी अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने का चलन हो गया है। पहले अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय शहरों तक ही सीमित थे लेकिन अब ये विद्यालय ग्रामीण इलाकों में भी बहुत तेजी से फैल रहें हैं। अगर इसी गति से अंग्रेजी को बढ़ावा मिलता रहा और हिंदी की अवहेलना होती रही तो वो दिन दूर नहीं जब हिंदी भी संस्कृत भाषा की तरह विलुप्त होती जाएगी।
          हिंदी ही एक ऐसी वैज्ञानिक भाषा है, जिसमें प्रत्येक ध्वनि के लिए अलग-अलग मात्राओं का प्रयोग होता है। इसको जैसा लिखा जाता है वैसा ही उच्चारण होता है और वैसा ही पढ़ा जाता है। स्वरों और व्यंजनों का उच्चारण भी मुख के जिस भाग से होता है, उनको भी क्रमबद्ध किया गया है। जिस प्रकार स्वरों को उच्चारण के आधार पर *ह्रस्व स्वर* अ इ उ ऋ एवं *दीर्घ स्वर* आ ई ऊ ए ऐ ओ औ में वर्गीकृत किया है उसी प्रकार व्यंजनों को भी उच्चारण के आधार पर वर्गीकृत किया गया है, *जैसे -*
*कण्ठ से उच्चारित -* क ख ग घ ङ ह
*तालु से उच्चारित -* च छ ज झ ञ य श
*मूर्धा से उच्चारित -* ट ठ ड ढ ण र ष
*दन्त से उच्चारित -* त थ द ध न ल स
*ओष्ठ से उच्चारित -* प फ ब भ म
*दन्त + ओष्ठ से उच्चारित -* व
           इस प्रकार का वर्गीकरण अन्य किसी भाषा में इतनी सरलता से नहीं मिलता है। अत: हिंदी दिवस की तरह अन्य किसी भी भाषा में दिवस मनाने का प्रचलन भी नहीं है।
          विश्व में हिन्दी का विकास करने और एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के तौर पर इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिन्दी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसीलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
*विश्व हिन्दी दिवस की थीम*
          हर वर्ष 10 जनवरी को मनाए जाने वाले विश्व हिंदी दिवस की थीम हमेशा हिंदी को राष्ट्रभाषा की ओर अग्रसर करना नहीं बल्कि और भाषाओं के साथ हिंदी को साथ लेकर चलना और हिंदी को जनमानस की भाषा बनाना है।
राजभाषा का दर्जा
          हिंदी भारत की राजभाषा है। सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व को समेट हिंदी अब विश्व में लगातार अपना फैलाव कर रही है। देश-विदेश में इसे जानने-समझने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इंटरनेट के इस युग ने हिंदी को वैश्विक धाक जमाने में नया आसमान मुहैया कराया किया है।
          14 सितंबर, 1949 को संवैधानिक रूप से हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया। संविधान के अनुच्छेद 343 में यह प्रावधान किया गया है कि देवनागरी लिपि के साथ हिंदी भारत की राजभाषा होगी।
तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा
          विश्व में हिंदी भाषी करीब 70 करोड़ लोग हैं। यह तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। 1.12 अरब बोलने वालों की संख्या के साथ अंग्रेजी पहले स्थान पर है। चीनी भाषा मेंडरिन बोलने वाले करीब 1.10 अरब हैं। 51.29 करोड़ और 42.2 करोड़ के साथ स्पैनिश और अरबी का क्रमश: चौथा और पांचवां स्थान है। दुनिया में मौजूद भाषाओं की जानकारी पर प्रकाशित होने वाले एथनोलॉग के 2017 के संस्करण में 28 ऐसी भाषाएं शामिल हैं जिनमें से प्रत्येक के बोलने वाले पांच करोड़ से ज्यादा लोग हैं।
इंटरनेट पर हिंदी
          हिंदी जानने, समझने और बोलने वालों की बढ़ती संख्या के चलते अब विश्व भर की वेबसाइट हिंदी को भी तवज्जो दे रही हैं। ईमेल, ईकॉमर्स, ईबुक, इंटरनेट, एसएमएस एवं वेब जगत में हिंदी को बड़ी सहजता से पाया जा सकता है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आइबीएम तथा ओरेकल जैसी कंपनियां अत्यंत व्यापक बाजार और भारी मुनाफे को देखते हुए हिंदी प्रयोग को बढावा दे रही हैं।
ट्विटर की तर्ज पर बनाया मूषक
          सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर की तर्ज पर हिंदी भाषी लोगों के लिए पुणे के अनुराग गौड़ और उनके साथियों ने मूषक नामक सोशल नेटवर्किंग साइट बनाई है। इसमें ट्विटर की 140 शब्दों की सीमा की अपेक्षा शब्द सीमा पांच सौ है। इसे इंटरनेट पर डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट मूषक डॉट इन पर खोला जा सकता है। साथ ही गूगल प्लेस्टोर से भी डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें किसी भी हिंदी शब्द को रोमन में लिखने पर उसका हिंदी विकल्प नीचे आ जाता है। उसे चुनकर हिंदी में लिखा जा सकता है।
वैश्विक पहुँच
          विदेश में 25 से अधिक पत्र- पत्रिकाएं लगभग नियमित रूप से हिंदी में प्रकाशित हो रही हैं। यूएई के ‘हम एफ-एम’ सहित अनेक देश हिंदी कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं, जिनमें बीबीसी, जर्मनी के डायचे वेले, जापान के एनएचके वर्ल्ड और चीन के चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिंदी सेवा विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
विश्व में बढ़ी धाक
           पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश,अमेरिका, ब्रिटेन,जर्मनी, न्यूजीलैंड,युगांडा, गुयाना, फिजी , मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद एवं टोबैगो एवं संयुक्त अरब अमीरात में हिंदी अल्पसंख्यक भाषा ’ भारत को बेहतर ढंग से जानने के लिए दुनिया के करीब 115 शिक्षण संस्थानों में हिंदी का अध्ययन और अध्यापन होता है।
? अमेरिका में 32 विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में हिंदी पढ़ाई जाती है।
? ब्रिटेन की लंदन यूनिवर्सिटी, कैंब्रिज और यॉर्क यूनिवर्सिटी में हिंदी पढ़ाई जाती है।
? जर्मनी के 15 शिक्षण संस्थानों ने हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन को अपनाया है। कई संगठन हिंदी का प्रचार करते हैं।
? चीन में 1942 में हिंदी अध्ययन शुरू। 1957 में हिंदी रचनाओं का चीनी में अनुवाद कार्य आरंभ हुआ।
तकनीक में बढ़ी हिंदी
          एक अध्ययन के मुताबिक हिंदी सामग्री की खपत करीब 94 फीसद तक बढ़ी है। हर पांच में एक व्यक्ति हिंदी में इंटरनेट प्रयोग करता है। फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्स एप में हिंदी में लिख सकते हैं। इसके लिए गूगल हिंदी इनपुट, लिपिक डॉट इन, जैसे अनेक सॉफ्टवेयर और स्मार्टफोन एप्लीकेशन मौजूद हैं। हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद भी संभव है।
हम सभी को मिलकर हिंदी भाषा को गंगा नहीं बल्कि समुद्र बनाना होगा।
जय हिंदी,  भारत माता की जय ???
(सोशल मीडिया से संकलित)

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