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कछार, 10 जून। मणिपुर में मैतेई और कूकी समुदाय के बीच फिर से हिंसा भड़क जाने के कारण मणिपुर के पांच सौ से अधिक लोग असम की सीमा में आ गए हैं। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए असम-मणिपुर की सीमा पर गश्त बढ़ा दी है और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। कछार पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को औपचारिक रूप से बताया कि मणिपुर से कछार जिले में लगभग पांच सौ लोग असम में पहुंचे हैं। यह लोग अपने रिश्तेदारों तथा लखीपुर मारकुलिन में अस्थाई शिविर बनाकर रह रहे हैं। सरकार ने कछार जिले में इनके लिए कोई शिविर नहीं बनाया है।
पुलिस अधीक्षक ने आशंका जाहिर की है कि असम-मणिपुर की सीमा पर स्थित कछार जिले के लखीपुर में कुकी और मैतेई दोनों संप्रदाय की आबादी निवास करती है। ऐसे में लखीपुर में मणिपुर हिंसा की आग की लपटें पहुंच सकती हैं। इससे निपटने के लिए एहतियाती तौर पर कछार पुलिस ने असम-मणिपुर की सीमा पर गश्त बढ़ा दी है। पुलिस अधीक्षक ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में धीरे-धीरे शांत हो रही हिंसा की ज्वाला एक बार फिर जीरीबाम की घटना के बाद भड़क उठी है। पूरे इलाके में धारा 144 लगाई गई है, बावजूद इसके मैतेई और कूकी एक-दूसरे का घर जला रहे हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जीरीबाम और इसके आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।