आदि मंचासीन थे। सभी कवियों ने अपनी प्रस्तुति से सभास्थल में शमा बांधा, कवियों की दहाड़ से ऐसा मानो मेहेरपुर के आस-पाश इलाका गूंज उठा। एक से एक कवियों ने अपनी रचना से तालियां बटोरी। हिन्दीभाषी समन्वय मंच के महासचिव दिलीप कुमार की छोटी बेटी अग्रता कुमार ने हिन्दू राष्ट्र के पर वीर रस की कविता पेश कर सभी में जोश भर दिया। कवियित्री सुन्दरी पटवा ने कविता पाठ कर तालियां बोटोरीहिन्दीभाषी समन्वय मंच के महासचिव दिलीप कुमार की छोटी बेटी अग्रता कुमार ने हिन्दू राष्ट्र के ऊपर वीर रस की कविता प्रस्तुत कर सभी में जोश भर दिया। साहित्यकार, व्यंग्यकार सुनील शर्मा ने रिश्ते की अहमियत पर कविता प्रस्तुत कर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। कवियित्री सुन्दरी पटवा ने कविता पाठ कर तालियां. बटोरी। योगेश दुबे हास्य कविता से श्रोताओं को खूब हँसाया, मनीषपाण्डेय ने आरक्षण विषय पर जोरदार प्रस्तुति दी। किरण भूरा, डॉ. रीता सिंह यादव ने हिन्दी के महत्व पर कविता प्रस्तुत की। शची कुमारी ने ‘तुम्हारा क्या जाता’ कविता सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुमन गौड़ ने भक्ति पर, शनि भट्टाचार्य ने श्रृंगार रस पर कविता प्रस्तुत की। जयप्रकाश ग्वाला ने सीजर द्वारा उत्पन्न बच्चों से क्या क्या बदल चुका है, इस पर प्रकाश डाला। आचार्य आनंद शास्त्री ने सिस्टम पर आघात करते हुए कटाक्ष किया। काव्य मंच का कुशल संचालन हिन्दी भाषी समन्वय मंच के महासचिव दिलीप कुमार ने किया और अपनी कविता द्वारा उन्होंने भ्रष्टाचार पर प्रहार किया। प्रस्ताविक वक्तव्य महिला मंच की अध्यक्षा डॉ. रीता सिंह ने दिया तथा धन्यवाद ज्ञापन महिला मंच की कोषाध्यक्ष श्रीमती नीलम गोस्वामी ने किया।
इस अवसर पर सर्वश्री अवधेश सिंह, गणेश लाल क्षत्री, सुभाष चौहान, प्रदीप गोस्वामी, अनन्त कुर्मी, राजन कुँ वर लाल बाबु सिंह, श्रीमती सुतपा चक्रवर्ती, श्रीमती फुलमती कलवार, डॉ. मंजरी कलवार, मिनाक्षी शर्मा, श्रीमती उमा नुनिया, जयप्रकाश गुप्ता, उमा नुनिया, सीमा गोस्वामी, सीमा पासी, मीरा ग्वाला, सुमती हजाम, राधा ग्वाला, शिवकुमार पासवान, विनीत कुमार सिंह, बेबी कुर्मी, आरती कुर्मी, अर्चिष्मान चक्रवर्ती, विश्वजीत अधिकारी, अग्रता कुमार एवं पिहु कलवार इत्यादि ने कवि सम्मेलन का आनंद लिया। ज्ञात हो कि उपरोक्त कवि सम्मेलन का आयोजन हिन्दीभाषी महिला मंच के तत्वावधान में आयोजित की गयी थी।
राजन कुँवर ने कवि सम्मेलन में उपस्थित सभी को भारतेन्दु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित एक पुस्तक भेंट किया। साहित्यकार अशोक वर्मा के बालार्क प्रकाशन में छपी पुस्तकें एवं समाजसेवी उदयशंकर गोस्वामी ने भी कवियों और श्रोताओं में पुस्तकों का वितरण करवाया। इसके अलावा समाजसेवी हनुमान जैन, समाजसेवी राजेन्द्र जिंदल ने भी भरपूर सहयोग किया।