नई दिल्ली. भारतीय नौसेना ने एक बार फिर से अदन की खाड़ी में एक कॉमर्शियल जहाज को रेस्क्यू किया है. नेवी के अनुसार ताबिक बारबाडोस के फ्लैग वाले लाइबेरिया के जहाज पर हूती विद्रोहियों ने मिसाइल से हमला किया था. इसके बाद जहाज में आग लग गई. इस दौरान 3 क्रू मेंबर्स की मौत हो गई. वही 6 लोग घायल हुए. भारतीय नौसेना ने इस जहाज पर मौजूद 21 लोगों को बचा लिया है. इनमें से एक भारतीय है.

नौसेना के प्रवक्ता का कहना है कि जहाज पर हुए हमले की जानकारी मिलने के बाद आईएनएस कोलकाता को रवाना किया गया था. इस पर मौजूद हेलिकॉप्टर व बोट की मदद से लोगों को बचाया गया. घायलों का इलाज मेडिकल टीम कर रही है. लाल सागर में लगातार हो रहे हूतियों के हमलों के बीच पहली बार कोई जहाज डूब गया था. गौरतलब है कि हूती विद्रोहियों ने 18 फरवरी को बाब-अल मंडब स्ट्रेट में रूबीमार नाम के जहाज पर मिसाइल से अटैक किया था. इसके बाद जहाज के क्रू मेंबर्स को ब्रिटिश मिलिट्री ने रेस्क्यू किया. रिपोर्ट के अनुसार रूबीमार एक ब्रिटिश जहाज था. इस पर बेलीज का फ्लैग लगा हुआ था. हूतियों ने जब इस पर हमला किया तब यह यमन के मोखा पोर्ट से करीब 27.78 किमी की दूरी पर था.पिछले 12 दिनों से यह उत्तर की तरफ बढ़ रहा था, लेकिन लाल सागर में तूफान और खराब मौसम की वजह से जहाज डूब गया. सूत्रों की माने तो इजराइल-हमास जंग के बीच फिलिस्तीनियों के समर्थन में हूती विद्रोही लगातार लाल सागर व अरब सागर में जहाजों पर हमला कर रहे हैं. इसकी वजह से कई जहाज अपना रास्ता भी बदल रहे हैं. इन हमलों का असर भारत पर भी पड़ रहा है. हूतियों ने कई बार भारत आ रहे जहाजों या फिर भारतीय क्रू वाले जहाजों पर हमला किया है. भारत का 80 प्रतिशत व्यापार समुद्री रास्ते से होता है. वहीं 90 प्रतिशत ईंधन भी समुद्री मार्ग से ही आता है. समुद्री रास्ते में हमले से भारत के कारोबार पर सीधा असर पड़ता है. इससे सप्लाई चेन बिगडऩे का खतरा है. हूतियों से निपटने के लिए अमेरिका ने करीब 10 देशों के साथ मिलकर एक गठबंधन भी बनाया है. जो लाल सागर में हूतियों को रोकने और कार्गो शिप्स को हमले से बचाने का काम कर रहा है.




















