नई दिल्ली. संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने शनिवार को यमन की राजधानी सना में हूथी विद्रोहियों के ठिकानों पर ताजा हवाई हमला किया है. माना जा रहा है कि इसमें हूथी के कई ठिकाने तबाह हो गए हैं. बता दें कि इससे पहले बाइडन ने हूथी विद्रोहियों के संगठन को आतंकी संगठन बताया. इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका और ब्रिटेन की सेनाओं ने यमन में ईरान समर्थित हूथी विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर बमबारी की थी. इनमें साजो सामान रखने वाले स्थान, हवाई रक्षा प्रणाली और हथियार भंडारण वाले स्थान शामिल हैं. यमन की राजधानी सना में ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के पत्रकारों ने शुक्रवार को तड़के चार विस्फोटों की आवाज सुनी. होदेइदा के दो निवासियों, अमीन अली सालेह और हानी अहमद ने कहा कि उन्होंने शहर के पश्चिमी बंदरगाह क्षेत्र में पांच जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी. इस बंदरगाह शहर में हूथी विद्रोहियों का कब्जा है. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने सना के दक्षिण में स्थित शहर ताइज और धामार में हमले देखे.
दरअसल ,मंगलवार को हूथी विद्रोहियों ने लाल सागर में नौकाओं को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइलों की झड़ी लगा दी थी. इन हमलों के जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन के जहाजों तथा अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने 18 ड्रोन, दो क्रूज मिसाइलों और एक जहाज-रोधी मिसाइल को मार गिराया. इसके बाद हूथी विद्रोहियों ने गुरुवार को भी अदन की खाड़ी में एक बैलेस्टिक मिसाइल दागी. हालांकि कोई पोत इसकी जद में नहीं आया.अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हमलों का उद्देश्य यह स्पष्ट करना है कि अमेरिका और उसके सहयोगी लाल सागर में आतंकवादी समूह के हमलों को ‘बर्दाश्त नहीं करेंगे’. बाइडन ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने पूरी तरह सोच समझ कर यह कदम उठाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ‘ये हमले लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय समुद्री जहाजों पर हूथी विद्रोहियों के हमलों के बदले में किए गए हैं. विद्रोहियों के हमलों ने अमेरिकी कर्मियों, नागरिकों और हमारे साझेदारों को खतरे में डाल दिया है, व्यापार को खतरे में डाला है और नौवहन की स्वतंत्रता को खतरे में डाल दिया है.