शिलचर, कछार। कछार के अतिरिक्त जिला आयुक्त (ADC) श्री युवराज बोरठाकुर के असामयिक निधन से समूचा जिला प्रशासन शोक में डूब गया है। 44 वर्षीय अधिकारी ने रविवार को शाम लगभग 4:30 बजे हैदराबाद स्थित एआईजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD)—एक जटिल और दुर्लभ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग—से पीड़ित थे और 15 मई से अस्पताल में उपचाराधीन थे।
परिजनों और अस्पताल सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य में अचानक गिरावट के कारण उन्हें 17 मई को ICU में स्थानांतरित किया गया। हालांकि चिकित्सकों ने सर्जरी की अनुशंसा की थी, लेकिन लगातार तेज बुखार, निम्न रक्तचाप और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के चलते सर्जरी संभव नहीं हो सकी। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अनिरुद्ध प्रताप सिंह के नेतृत्व में विशेषज्ञों की टीम ने हर संभव प्रयास किए, किंतु विगत 24 घंटों में उनकी स्थिति अत्यंत गंभीर हो गई और रविवार को उन्होंने दम तोड़ दिया।
स्व. श्री बोरठाकुर 2015 बैच के असम सिविल सेवा (ACS) अधिकारी थे। वे 2022 से कछार जिले में ADC के पद पर कार्यरत थे और साथ ही जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में आपदा राहत एवं समन्वय में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। प्रशासनिक सेवा की शुरुआत उन्होंने 2017 में दक्षिण सलमारा में सहायक आयुक्त के रूप में की थी। इसके बाद नागांव और डोलगांव में सर्कल अधिकारी, तथा हैलाकांडी में उप-मंडलाधिकारी के पदों पर भी उल्लेखनीय सेवाएं दीं।
अपने विनम्र व्यवहार, कार्यकुशलता और जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण के कारण श्री बोरठाकुर न केवल सहकर्मियों के बीच लोकप्रिय थे, बल्कि आम जनता में भी विशेष सम्मान रखते थे। प्रशासनिक कार्यों के अतिरिक्त वे संगीत के प्रति विशेष रुचि रखते थे। एक प्रतिभाशाली गायक के रूप में वे सांस्कृतिक आयोजनों में नियमित रूप से हिस्सा लेते थे, और उनकी मधुर आवाज सभी को मंत्रमुग्ध कर देती थी।
उनके निधन से न केवल कछार प्रशासन, बल्कि समूचा असम सिविल सेवा समुदाय शोकाकुल है। कछार के जिला आयुक्त श्री मृदुल यादव, आईएएस ने शोक व्यक्त करते हुए कहा,
“ADC श्री युवराज बोरठाकुर का असामयिक निधन एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी सेवा के माध्यम से जिस समर्पण, ईमानदारी और करुणा का परिचय दिया, वह सदा प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। हमने एक उत्कृष्ट अधिकारी और एक अद्भुत इंसान खो दिया है।”
उनके पार्थिव शरीर को सोमवार को उनके पैतृक निवास डिब्रूगढ़ ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके परिवार में पिता श्री दुलेन कुमार बोरठाकुर, भाई श्री देबराज बोरठाकुर और पत्नी श्रीमती आकांक्षा शर्मा बोरठाकुर हैं।
श्री बोरठाकुर की सेवा, उनकी निष्ठा और मानवीय संवेदनशीलता की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।





















