Thu, 21 May 2021 , नई दिल्ली, – पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सभी भारतीय नागरिकों को मुफ्त में कोरोना का टीका लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आरटी-पीसीआर जांच भी बढ़ानी चाहिए।इस पत्र पर पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, पूर्व स्वास्थ्य सचिव के सुजाता राव, प्रधामंत्री के पूर्व सलाहकार टीकेए नायर, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह और
दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग सहित 116 पूर्व नौकरशाहों ने हस्ताक्षर किए हैं।पत्र में कहा गया कि हम जानते हैं कि इस महामारी ने पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा किया है और भारत के नागरिकों भी अछूते नहीं
रहेंगे।
आम नागरिक चिकित्सा सहायता के लिए परेशान हैं और मृतकों की संख्या हजारों में पहुंच रही है। इस भारी संकट के बावजूद आपकी सरकार का लापरवाह नजरिया सामने आ रहा है। पत्र के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और भारतीय विज्ञानियों की चेतावनी के बावजूद पहली और दूसरी लहर के बीच मिले समय का इस्तेमाल अहम संसाधनों जैसे चिकित्सा कर्मी, अस्पतालों में बिस्तर, आक्सीजन की आपूर्ति, दवाएं एवं अन्य चिकित्सा आपूर्ति जुटाने में नहीं
किया गया।
विज्ञान एवं तकनीकी विभाग की ओर से बनाए 3 सदस्यीय पैनल ने केंद्र सरकार को बताया है कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर का असर इस साल जुलाई में कम होना शुरू होगा, तो वहीं तीसरी लहर भी अगले छह से आठ महीने के अंदर देश में दस्तक दे सकती है। पैनल ने यह अनुमान SUTRA मॉडल के आधार पर दिया है। इस अनुमान के मुताबिक, मई के आखिर में भी देश में हर दिन कोरोना के डढ़े लाख मामले आएंगे और जून के अंत तक यह आंकड़ा 20 हजार तक गिरेगा।
पैनल के सदस्य और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने बताया कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, केरल, सिक्किम, उत्तराखंड, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली और गोवा में कोरोना
की दूसरी लहर का पीक बीत चुका है। जिस मॉडल के आधार पर अनुमान पेश किया गया है, उसके मुताबिक तमिलनाडु में कोरोना का पीक 29-31 मई के बीच आएगा तो वहीं पुडुचेरी में 19-20 मई को। मॉडल के मुताबिक, देश में कोरोना की तीसरी लहर अगले छह से आठ महीनो में आ सकती है। हालांकि, यह भी बताया गया
है कि इसके असर को कम किया जा सकता है।