19 किलो सोना, 7 लग्जरी कारें और 3.8 करोड़ कैश: भाजपा नेताओं के ठिकानों पर IT रेड में 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति का खुलासा!
समाचार एजेंसी सागर: आयकर विभाग ने सागर में तीन दिन तक चले अभियान में भाजपा से जुड़े दो बड़े नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी कर अकूत बेनामी संपत्ति और टैक्स चोरी का पर्दाफाश किया है। छापों में करीब 19 किलो सोना, 3.8 करोड़ नकद, और 7 बेनामी लग्जरी कारों के साथ 150 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी उजागर हुई है। अनुमान है कि कुल बेनामी संपत्ति 200 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकती है।
छापेमारी पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर और पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी के परिसरों पर की गई। आयकर विभाग ने राठौर और केशरवानी की फर्म, घर और अन्य संपत्तियों पर कार्रवाई की, जहां मनी लॉन्ड्रिंग, कंस्ट्रक्शन, शराब और बीड़ी व्यापार से जुड़े लेन-देन के कई अहम दस्तावेज बरामद हुए।
राठौर परिवार के घर से मिली अकूत संपत्ति

पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के सदर स्थित बंगले पर रविवार से मंगलवार तक कार्रवाई चली। 14 किलो सोना और 3.8 करोड़ नकद मिला, जिसका कोई हिसाब नहीं दिया गया। बंगले के परिसर में बने तालाब से तीन मगरमच्छ मिले, जिन्हें वन विभाग को सौंपा गया। राठौर परिवार दशकों से बीड़ी कारोबार और राजनीति में प्रभावशाली रहा है।
केशरवानी परिवार के यहां भी बड़ा खुलासा
भाजपा के पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी के जवाहर गंज स्थित आवास पर भी आयकर विभाग की टीम ने बड़े पैमाने पर छापेमारी की।
4.7 किलो सोना और 7 बेनामी लग्जरी कारें मिलीं।नकद लेन-देन में 140 करोड़ रुपए का खुलासा हुआ।सोना जब्त नहीं किया गया, क्योंकि खरीदी के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए।
व्यापारिक साझेदारी से जुड़ी जांच जारी
आयकर विभाग के अनुसार, राठौर और केशरवानी की साझेदारी कंस्ट्रक्शन और अन्य कारोबारों में है। छावड़ा नामक एक साझेदार के घर से भी दस्तावेज जब्त किए गए। छावड़ा की फॉर्च्यूनर कार, जो केशरवानी के घर से मिली, भी संदिग्ध लेन-देन की ओर इशारा करती है।
ईडी की हो सकती है एंट्री
सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग ने मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला जैसे गंभीर मामलों के मद्देनजर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को भी इस केस में शामिल होने की सिफारिश की है।
राजनीतिक दावेदारी पर सवाल
हरवंश सिंह राठौर, जो भाजपा जिलाध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, इस खुलासे के बाद मुश्किलों में घिर सकते हैं। उनके राजनीतिक सफर और प्रभावशाली परिवार की छवि को इस कार्रवाई से गहरी चोट पहुंची है।
निष्कर्ष
आयकर विभाग की इस कार्रवाई ने सागर में राजनीतिक और कारोबारी जगत को हिला दिया है। अब सभी की नजरें आगे होने वाली जांच और ईडी की संभावित कार्रवाई पर टिकी हैं।





















