पशुओं के प्रति क्रूरता और तस्करी चरम पर है। दो स्थानो पर खुले आम उड़ रही है, कानून की धज्जियां। पहला मनपसंद स्वीटस के सामने की गली, खेलमती, उत्तरी लखीमपुर ( यहां 16 मवेशियों को बंधक रखा गया था)। दूसरा रॉयल ट्रीट हॉस्पीटल के पास काऊ शेड, सर्वेश्वर बरुआह के सामने, उत्तरी लखीमपुर हिन्दी विद्यालय । (कसाईखाने से कुछ मीटर की दूरी पर, 4 मवेशियों को यहां बंधक रखा गया)।
पूरा इलाका मवेशियों के खून, हड्डियों, अंतडियों और खालों से पटा पड़ा था।
गौ ज्ञान फाउंडेशन के कार्यकर्ता सुबह से इन इलाकों में डटे रहे और 21 मवेशियों को आज़ाद कराया तथा मांस जब्त कराया।
मुख्य आरोपी :1) खलीम हुसैन, जमीन का मालिक 2) अतिकुल हुसैन जूनियर इंजीनियर, नार्थ इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड, आसाम। यह आसाम सरकार का कर्मचारी है और अन्गारखोवा(पश्चिमी लखीमपुर से 15 कीमी की दूरी पर स्थित)का निवासी तथा मुगलई गार्डन बीफ होटल का मालिक है।
घटनास्थल पर माजूद अधिकारीगण
1. पशु चिकित्सक डा.कुशल बरुआ, डा. अजीत शर्मा, डा. जगननाथ गोगोई, डा.चंदन गोगोई।
2.सर्किल ऑफिसर: ध्रूबा ज्योती हेटींग बोरुआ
3.एडीसी (जो डीसी को रिपोर्ट करते हैं): बिपुल दास, 4 . तहसीलदार: अरुण बरुआ, 5.डीएसपी: रूना नियोग, 6.इंस्पेक्टर: आदित्या देओरी, 7.इंचार्ज : दुर्गाप्रकाश बैश्य।
संस्था ने आसाम में चल रहे खुलेआम गौ हत्या के ऊपर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार से इसे तुरंत बंद करने और गौ हत्यारों को सजा देने की मांग की है।