राजभाषा प्रकोष्ठ,असम विश्वविद्यालय द्वारा हिंदी पखवाड़ा का समापन समारोह दिनांक 26 सितंबर 2025 को आयोजित किया गया । 15 दिवसीय इस कार्यक्रम का आयोजन 9 से 23 सितंबर तक किया गया । इस कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के शिक्षक कर्मी, गैर शिक्षक कर्मी एवं छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल किया गया। समापन समारोह की अध्यक्षता असम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर राजीव मोहन पंत जी ने की । उन्होंने कहा कि हिंदी सबको जोड़ने की भाषा है । अपने वक्तव्य में उन्होंने विश्वविद्यालय में राजभाषा के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की सराहना की और ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता पर बल दिया। माननीय कुल सचिव डॉ प्रदोष किरण नाथ ने राजभाषा हिंदी के प्रयोग को प्रशासन में महत्वपूर्ण माना । उन्होंने सभी से हिंदी के प्रयोग करने का आह्वान किया । कार्यक्रम के दौरान माननीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान जी का हिंदी दिवस पर राष्ट्र के नाम संदेश पढ़कर सुनाया गया । हिंदी अधिकारी डॉ सुरेन्द्र कुमार उपाध्याय जी ने गुजरात में 14 से 15 सितंबर 2025 के दौरान आयोजित पांचवें अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन में प्रकोष्ठ के कर्मियों की भागीदारी की चर्चा की। उन्होंने हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत आयोजित विभिन्न साहित्यिक प्रतियोगिताओं का भी विस्तार से वर्णन किया । कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मिली रानी पाल ने किया । उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के क्षेत्र के लोगों की यह विशेषता है कि यहां प्राय: सभी लोग एक से अधिक भाषाएं जानते हैं । कार्यक्रम के दौरान विभिन्न साहित्यिक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया और उन्हें प्रमाण पत्र दिए गए। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति बहुत अच्छी रही । कार्यक्रम का समापन श्री पृथ्वीराज ग्वाला, हिंदी अनुवादक के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ । संतोष ग्वाला, हिंदी टंकक की कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका रही। कार्यक्रम में प्रो. रामकुमार महतो, डॉ गोविंद शर्मा, डॉ आकाश वर्मा, डॉ. अजीता तिवारी ने भी अपना विचार रखा। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया। पत्रकार किशन माला को भी इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।





















