शिलचर (संवाददाता): शहर के उपनगरीय क्षेत्र उत्तर कृष्णपुर में भूमि कब्जे और घर तोड़फोड़ के विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। विधवा मनीरुन नेसा बेगम और उनके पुत्र इकबाल हुसैन मजूमदार द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए वर्तमान भूमि स्वामी नूरुद्दीन लश्कर ने तीखा पलटवार किया है।
एक पत्रकार सम्मेलन में नूरुद्दीन लश्कर ने जमीन की रजिस्ट्री, खरीद-पत्र और अन्य आधिकारिक दस्तावेज दिखाते हुए बताया कि वर्ष 2013 में उन्होंने सरकार की अनुमति से इकबाल हुसैन से आठ कट्ठा भूमि खरीदी थी। उनके पास सभी वैध दस्तावेज और स्वामित्व प्रमाण मौजूद हैं। भूमि क्रय के बाद से ही वे उसी स्थान पर रह रहे हैं और उसी भूमि के विरुद्ध उन्होंने बैंक से ऋण भी प्राप्त किया है।
नूरुद्दीन ने आगे बताया कि हाल ही में नगर विकास विभाग से भवन निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद जब उन्होंने पुराने ढांचे को हटाकर नया भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया, तभी इकबाल हुसैन और उसके सहयोगियों ने मजदूरों पर हमला किया। घटना की सूचना पाकर रंगीर्खाड़ी पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया।
नूरुद्दीन के पुत्र रुएल अहमद ने आरोप लगाया कि जमीन खरीदने के बाद से ही इकबाल हुसैन और उसके सहयोगी लगातार गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी और मीडिया में झूठी खबरें फैलाकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। इससे उनके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है।
नूरुद्दीन और उनके बड़े पुत्र जुयेल अहमद ने बताया कि वे शीघ्र ही सभी वैध दस्तावेजों के साथ पुलिस अधीक्षक के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराएंगे और प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।
स्थानीय लोगों के बीच अब यह सवाल उठ रहा है — यदि भूमि वास्तव में इकबाल हुसैन की ही है, तो नूरुद्दीन लश्कर को बैंक से ऋण और भवन निर्माण की अनुमति कैसे मिली?





















