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पूर्व आईएएस अधिकारी विकास दिव्यकीर्ति की बहु-प्रचारित कोचिंग पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके पहले इसी कोचिंग के ऊपर 3 लाख का जुर्माना लगाया जा चुका है। इस कोचिंग सेंटर को दिल्ली नगर निगम द्वारा सील भी किया गया था लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात।
जो कोचिंग संचालक मीठी मीठी चिकनी चुपड़ी बातें कर लेते हैं, वे प्रतियोगियों को आकर्षित करने में कामयाब रहते हैं। मैंने जब विकास दिव्यकीर्ति और खान सर को असंगत और प्रतियोगी परीक्षाओं से बिल्कुल गैरजरूरी बातें करते सुनता था तो आश्चर्य होता था कि यह कौन सी उपयोगी बातें कर रहे हैं? अब पता चला है कि यह तो विज्ञापन है!
मैं प्रतियोगी छात्रों को सलाह देना चाहता हूं कि कोचिंग के भ्रमजाल में न फंसिए, इनका कोई लाभ नहीं है। प्रतियोगिताओं के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखिये –
1. अपना वैकल्पिक विषय, अपनी रुचि के हिसाब से तय करें। फला विषय ज्यादा स्कोरिंग है आदि जैसे बातों में न फंसिए। जिस विषय को पढ़ने में आनंद आता है, वही आपका रुचि वाला विषय है। खाली समय में अगर लगे कि फलां सब्जेक्ट पढ़ा जाये, तो वह निश्चित रूप से आपकी रुचि का विषय है। आप अपनी रुचि के विषय की ही अच्छी तैयारी कर सकते हैं।
इसी के साथ जरूरी है कि आप अपनी परीक्षा का माध्यम भाषा सही से चुने। इस स्टेज़ पर अब किसी नई भाषा में दक्षता प्राप्त करना कठिन है अतः जिस भाषा में आप अपने आप को अच्छी तरह अभिव्यक्त (express) कर सकें, वही भाषा चुनें।
2. अपनी तैयारी स्वयं करिये। किसी अनुभवी और गंभीर प्रतियोगी से परामर्श कर सकते हैं भले ही वह सफल न हुआ हो।
3. सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस, संघ लोक सेवा आयोग अथवा डीओपीटी की वेबसाइट से डाउनलोड कर लीजिए। अन्य किसी भी परीक्षा का भी सर्वप्रथम सिलेबस डाउनलोड करें। इस सिलेबस को प्रिंट करके अपने पास रखें।
4. सिलेबस के अनुसार 100% तैयारी करें। सेलेक्टिव पढ़ाई से काम नहीं चलेगा।
5. जो कम्पल्सरी विषय हैं, उनकी पूरी तैयारी करिए चाहे वे अच्छे लगें या न लगें। कुछ भी छोड़ना नहीं है।
6. वैकल्पिक विषय का स्तर, स्नातकोत्तर स्तर का होता है और कम्पल्सरी विषय का स्तर सामान्य होता है। इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर की पुस्तकें, अनिवार्य विषय के लिए पर्याप्त रहेंगी।
7. CSAT नामक एक दैत्य परीक्षाओं में घुस गया है। इसके लिए बाजार में उपलब्ध अच्छी पुस्तकों से तैयारी करें।
8. आजकल यूपीएससी और अन्य परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र एवं उत्तर तालिकाएं उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध होती हैं। कम-से-कम पांच साल के प्रश्न-पत्र डाउनलोड कर लें। इनका गहन अभ्यास करें। पांच वर्षों के कट-आफ भी डाउनलोड कर लें।
9. सही पूरी पोशाक पहनकर मेज पर बैठें। निर्धारित समय के अंदर प्रश्न-पत्र हल करें। फिर उत्तर से मिलान किसी दूसरे से करवायें और अपना स्कोर देखें। पुराने कटआफ से मिलान करके अपनी प्रगति देखें।
10. एतदुपरांत, एक-दो घंटे बाद, उसी प्रश्न-पत्र को पुनः हल करें। अब अपनी टाइमिंग देखें और स्कोर भी। दोनों की तुलना करें।
11. इसी प्रकार, लिखित परीक्षा के प्रश्न-पत्र, जो निबंधात्मक होते हैं, को भी हल करें। निर्धारित समय के अंदर सभी प्रश्न करने का बारंबार अभ्यास करें। यह बहुत जरूरी है। विभिन्न प्रश्नों को उचित समय दें। कोई प्रश्न बिना हल किया हुआ अथवा आधा-अधूरा न रहने पावे।
12. याद रखिए, अच्छी तरह से हल किए गए सभी सवाल आपको ज्यादा नंबर दिलायेंगे बजाय बहुत अच्छी तरह से हल किए गए कुछ प्रश्नों के। इसलिए, प्रश्नों के बीच समय का उचित बंटवारा करें।
13. लिखित परीक्षा का अभ्यास बहुत जरूरी है ताकि आप सभी प्रश्न अच्छी तरह और निर्धारित समय के अंदर कर सकें।
14. सभी सवाल हल करने के उपरांत चेक कर लें कि कहीं कोई नंबरिंग इत्यादि की भूल तो नहीं हो गई है।
15. मैंने देखा है कि कोचिंग वाले, इन्हीं बाजार में उपलब्ध पुस्तकों से सामग्री लेते हैं। मैंने अनेक कोचिंग वालों की पाठ्य सामग्री आनलाइन देखी है। मैं कह सकता हूं कि उसका स्तर बहुत ऊंचा नहीं है। अधिकतर तो औसत से नीचे मिला। इसलिए मेरे मत में कोचिंग के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए।
16. अगर आप इंटरव्यू में पहुंचते हैं तो, व्यक्तित्व परीक्षण की मेंटरिंग लाभकारी रहेगी। लेकिन यह जरूरी है कि संबंधित मेंटर/कोचिंग के पास अनुभवी मेंटर्स हों। जो अधिकारी यूपीएससी अथवा राज्य पब्लिक सर्विस कमीशन के साक्षात्कारों में जा चुका है, वही उचित मेंटरिंग कर सकता है। इसके अलावा, पूर्व में इंटरव्यू दे चुके प्रतियोगी भी कुछ उपयोगी टिप्स दे सकते हैं।
17. एक बात और। अपने पर भरोसा करिए। जो काम कोई भी कर सकता है, वह काम आप भी कर सकते हैं। फ़ौज में एक कहावत है, “Difficult we do immediately; the impossible may take some time”. अर्थात्, “कठिन काम हम तुरंत कर लेते हैं; असंभव में थोड़ा समय लग सकता है “।
18. सबसे जरूरी – एकबार की असफलता कोई मायने नहीं रखती। इससे घबड़ाइए नहीं। याद रखिए कि कोई प्रतियोगी, इसलिए नहीं असफल होता है कि वह कमजोर है, बल्कि इसलिए कि रिक्तियां/vacancies कम होती हैं। सभी अच्छे कैंडीडेट्स नहीं सेलेक्ट हो सकते। मेरे साथ सिविल सेवा परीक्षा में, मेरे क्लास का टॉपर और मुझसे अधिक अंक पाने वाले कई अभ्यर्थी, सफल नहीं हो सके थे। जीवन यात्रा में बहुत से संयोग होते हैं।
19. याद रखिए कि कोई भी परीक्षा हम रोजगार पाने के लिए देते हैं। यह हमारे जीवन का अंत नहीं है। इसलिए असफलता से निराश होने की आवश्यकता नहीं है। जो रोजगार मिले, उसे ले लीजिए, छोड़िए नहीं। उसके बाद भी आप अन्य परीक्षाओं में बैठ सकते हैं।
आपके ऊपर अपने माता-पिता भाई-बहन और बीबी बच्चों की जिम्मेदारी है। इसलिए गंभीरता से रोजगार के लिए प्रयास करिए। माता-पिता पर उनके संसाधनों से अधिक वित्तपोषण का दबाव न डालिए।
20. सुबह शाम पंद्रह मिनट ध्यान करिए । इससे कंसेंट्रेशन बढ़ता है और आप कम समय में ज्यादा ज्ञान आत्मसात कर सकेंगे।
परमात्मा आपको कामयाब बनाये।
लेखक उप्र के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं।
विकास दिव्यकीर्ति और खान सर जैसे लोगों के झांसे में न फंसें छात्र- सुलखान सिंह
पूर्व आईएएस अधिकारी विकास दिव्यकीर्ति की बहु-प्रचारित कोचिंग पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके पहले इसी कोचिंग के ऊपर 3 लाख का जुर्माना लगाया जा चुका है। इस कोचिंग सेंटर को दिल्ली नगर निगम द्वारा सील भी किया गया था लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात।
जो कोचिंग संचालक मीठी मीठी चिकनी चुपड़ी बातें कर लेते हैं, वे प्रतियोगियों को आकर्षित करने में कामयाब रहते हैं। मैंने जब विकास दिव्यकीर्ति और खान सर को असंगत और प्रतियोगी परीक्षाओं से बिल्कुल गैरजरूरी बातें करते सुनता था तो आश्चर्य होता था कि यह कौन सी उपयोगी बातें कर रहे हैं? अब पता चला है कि यह तो विज्ञापन है!
मैं प्रतियोगी छात्रों को सलाह देना चाहता हूं कि कोचिंग के भ्रमजाल में न फंसिए, इनका कोई लाभ नहीं है। प्रतियोगिताओं के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखिये –
1. अपना वैकल्पिक विषय, अपनी रुचि के हिसाब से तय करें। फला विषय ज्यादा स्कोरिंग है आदि जैसे बातों में न फंसिए। जिस विषय को पढ़ने में आनंद आता है, वही आपका रुचि वाला विषय है। खाली समय में अगर लगे कि फलां सब्जेक्ट पढ़ा जाये, तो वह निश्चित रूप से आपकी रुचि का विषय है। आप अपनी रुचि के विषय की ही अच्छी तैयारी कर सकते हैं।
इसी के साथ जरूरी है कि आप अपनी परीक्षा का माध्यम भाषा सही से चुने। इस स्टेज़ पर अब किसी नई भाषा में दक्षता प्राप्त करना कठिन है अतः जिस भाषा में आप अपने आप को अच्छी तरह अभिव्यक्त (express) कर सकें, वही भाषा चुनें।
2. अपनी तैयारी स्वयं करिये। किसी अनुभवी और गंभीर प्रतियोगी से परामर्श कर सकते हैं भले ही वह सफल न हुआ हो।
3. सिविल सेवा परीक्षा का सिलेबस, संघ लोक सेवा आयोग अथवा डीओपीटी की वेबसाइट से डाउनलोड कर लीजिए। अन्य किसी भी परीक्षा का भी सर्वप्रथम सिलेबस डाउनलोड करें। इस सिलेबस को प्रिंट करके अपने पास रखें।
4. सिलेबस के अनुसार 100% तैयारी करें। सेलेक्टिव पढ़ाई से काम नहीं चलेगा।
5. जो कम्पल्सरी विषय हैं, उनकी पूरी तैयारी करिए चाहे वे अच्छे लगें या न लगें। कुछ भी छोड़ना नहीं है।
6. वैकल्पिक विषय का स्तर, स्नातकोत्तर स्तर का होता है और कम्पल्सरी विषय का स्तर सामान्य होता है। इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर की पुस्तकें, अनिवार्य विषय के लिए पर्याप्त रहेंगी।
7. CSAT नामक एक दैत्य परीक्षाओं में घुस गया है। इसके लिए बाजार में उपलब्ध अच्छी पुस्तकों से तैयारी करें।
8. आजकल यूपीएससी और अन्य परीक्षाओं के प्रश्न-पत्र एवं उत्तर तालिकाएं उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध होती हैं। कम-से-कम पांच साल के प्रश्न-पत्र डाउनलोड कर लें। इनका गहन अभ्यास करें। पांच वर्षों के कट-आफ भी डाउनलोड कर लें।
9. सही पूरी पोशाक पहनकर मेज पर बैठें। निर्धारित समय के अंदर प्रश्न-पत्र हल करें। फिर उत्तर से मिलान किसी दूसरे से करवायें और अपना स्कोर देखें। पुराने कटआफ से मिलान करके अपनी प्रगति देखें।
10. एतदुपरांत, एक-दो घंटे बाद, उसी प्रश्न-पत्र को पुनः हल करें। अब अपनी टाइमिंग देखें और स्कोर भी। दोनों की तुलना करें।
11. इसी प्रकार, लिखित परीक्षा के प्रश्न-पत्र, जो निबंधात्मक होते हैं, को भी हल करें। निर्धारित समय के अंदर सभी प्रश्न करने का बारंबार अभ्यास करें। यह बहुत जरूरी है। विभिन्न प्रश्नों को उचित समय दें। कोई प्रश्न बिना हल किया हुआ अथवा आधा-अधूरा न रहने पावे।
12. याद रखिए, अच्छी तरह से हल किए गए सभी सवाल आपको ज्यादा नंबर दिलायेंगे बजाय बहुत अच्छी तरह से हल किए गए कुछ प्रश्नों के। इसलिए, प्रश्नों के बीच समय का उचित बंटवारा करें।
13. लिखित परीक्षा का अभ्यास बहुत जरूरी है ताकि आप सभी प्रश्न अच्छी तरह और निर्धारित समय के अंदर कर सकें।
14. सभी सवाल हल करने के उपरांत चेक कर लें कि कहीं कोई नंबरिंग इत्यादि की भूल तो नहीं हो गई है।
15. मैंने देखा है कि कोचिंग वाले, इन्हीं बाजार में उपलब्ध पुस्तकों से सामग्री लेते हैं। मैंने अनेक कोचिंग वालों की पाठ्य सामग्री आनलाइन देखी है। मैं कह





















