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जनसेवा के प्रतीक चौधरी मोहन सिंह का निधन,भाजपा और समाज को अपूरणीय क्षति

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चंद्रशेखर ग्वाला मासिमपुर  7 अक्टूबर : जनसेवा के प्रतीक चौधरी मोहन सिंह का निधन,भाजपा और समाज को अपूरणीय क्षति।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता, प्रख्यात समाजसेवी और जनप्रिय नेता स्व.चौधरी मोहन सिंह का 85 वर्ष की आयु में 5 अक्टूबर की रात दिल का दौरा पड़ने से , मासिमपुर सुबेदार बस्ती स्थित उनके निवास पर  निधन हो गया। उनके निधन से समूचे क्षेत्र में शोक की गहरी लहर दौड़ गई। दशकों तक राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहे चौधरी मोहन सिंह ने न केवल भाजपा संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूती प्रदान की, बल्कि समाज के हर वर्ग के उत्थान हेतु उल्लेखनीय कार्य किए।जिस समय पर लोग भा ज पा की नाम लेने से डरते थे उन दिनों वे पुरे दहाड़ के साथ क्षेत्र में भाजपा को मजबूती प्रदान किया तथा बड़खोला आंचलिक पंचायत के सभापति रह चुके थे और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा, समर्पण व नेतृत्व क्षमता सभी के लिए प्रेरणादायक रही। कारसेवकों के साथ “चलो अयोध्या” रथयात्रा में भी भाग लिया था।उनके सामाजिक योगदानों में ,मासिमपुर एम ई स्कूल की स्थापना , सुबेदार बस्ती पोस्ट आफिस की स्थापना,सुबेदार बस्ती गांव के लिए सड़क निर्माण, एवं अनेक जनहितकारी परियोजनाएं शामिल हैं। जिनसे हजारों लोगों को सीधा लाभ मिला। धार्मिक आयोजनों, सामाजिक जागरूकता अभियानों तथा जनसंपर्क के हर स्तर पर उनकी सक्रिय भागीदारी ने उन्हें जनमानस में एक भरोसेमंद, सम्माननीय और प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया। सादगी, सेवा और समर्पण की गुणों से परिपूर्ण उनका जीवन संपूर्ण क्षेत्र के लिए एक मिसाल था, और उनका निधन न केवल भाजपा बल्कि समूचे समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वे अपने पीछे एक सुसंस्कृत व संकल्पबद्ध परिवार छोड़ गए हैं, जो उनके सिद्धांतों और मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनके निधन का समाचार सुनकर क्षेत्र के भुतपुर्व विधायक किशोर नाथ,बड़खोला भा जा पा मंडल अध्यक्ष पिनाक कांति दास, भाजपा  एस सी मोर्चा के अध्यक्ष अमलेंन्दु दास,सहित कई  प्रमुख ब्यक्ति उनके आवास पर पहुंच कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी एवं परिजनों को धैर्य बंधाया।स्थानीय नेताओं, पार्टी कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।धार्मिक व सामाजिक रीति-रिवाजों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार 6 अक्टूबर को उनके पैतृक निवास मासिमपुर, सुबेदार बस्ती में किया गया, जिसमें क्षेत्र भर से आए लगभग दो सौ से अधिक चाहने वाले तथा शुभचिंतकों, अनुयायियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने भाग लेकर  उन्हें अंतिम विदाई दी।

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