पंकज चौहान खेरोनी, १० अक्टूबर : असम-मेघालय सीमा पर गुरुवार को हुई हिंसक झड़प में पश्चिम कार्बी आंगलोंग के डोंकामोकम राजस्व सर्कल के अंतर्गत तापत गांव के 44 वर्षीय निवासी ओरिवेल तिमुंग की मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब मात्र तीन दिन पहले अंतर-राज्यीय सीमा शांति समिति (आईएसबीपीसी) ने विवादित क्षेत्रों में कृषि गतिविधियों को निलंबित करने का निर्णय लिया था ताकि शांति बनाए रखी जा सके।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स के लपंगाप गांव के एक समूह ने कथित तौर पर विवादित भूमि पर धान की कटाई शुरू की, जिसका तापत गांव के लोगों ने विरोध किया। यह टकराव हिंसक हो गया, जिसमें तिमुंग की जान चली गई और कई अन्य लोग घायल हो गए।
करबी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) के प्रमुख डॉ. तुलीराम रोंगहांग ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे “घिनौना कृत्य” करार दिया। उन्होंने मृतक के परिजनों के लिए ₹.१० लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की और घायलों के इलाज के लिए केएएसी द्वारा सभी चिकित्सा खर्च वहन करने का आश्वासन दिया। करबी आंगलोंग जिले की कई सामाजिक और राजनीतिक समूहों ने भी इस हिंसा की निंदा की और सीमा क्षेत्रों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की।
विवादित क्षेत्र असम और मेघालय के बीच सीमा वार्ता के दूसरे चरण में चर्चा के लिए छह क्षेत्रों में से एक है। घटना के कुछ घंटों बाद असम के सीमा संरक्षण और विकास मंत्री अतुल बोरा ने वित्तीय वर्ष २०२५-२६ के वार्षिक कार्य योजना पर चर्चा के लिए विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। स्थायी शांति की आवश्यकता पर जोर देते हुए बोरा ने कहा, “अंतर-राज्यीय सीमा क्षेत्रों में समन्वय और शांति दोनों राज्यों के लिए तेजी से विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी।” उन्होंने संयुक्त सचिव मधुमिता नाथ और संचालिका सुभलक्ष्मी डेका सहित अधिकारियों को सीमा मुद्दों को हल करने के लिए त्वरित कदम उठाने के निर्देश दिए। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है और हाल की शांति पहलों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि दोनों राज्य लंबे समय से चली आ रही सीमा विवादों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। पश्चिम करबी आंगलोंग के जिला आयुक्त ने सार्वजनिक सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा १६३ के तहत निषेधाज्ञा जारी की है।





















