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सूचना मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एकाएक प्रसार संख्या घटाते हुए विज्ञापन दर न्यूनतम कर दी गई इस संबंध में आल इंडिया स्माल न्यूस्पपेर्स एसोसिएशन (आइसना) ने पत्राचार द्वारा आइसना ने विरोध किया। इसी क्रम में 18 नवंबर 2021 को सूचना मंत्रालय ने अपने पत्रांक संख्या एम 24013/43/2021-एमयूसी-आई द्वारा पत्र भेजकर श्री शिव शंकर त्रिपाठी, राष्ट्रीय अध्यक्ष,आइसना को 2018 से 2021 तक के सभी प्रकार के अखबारी व्यय के प्रमाण सहित दस्तावेज़ो के साथ चर्चा के लिए 26 नवंबर 2021 को आमंत्रित किया। बैठक में श्री त्रिपाठी के साथ आइसना के मंडलाध्यक्ष श्री गिरीश चंद्र शर्मा व राष्ट्रीय महामंत्री भारतीय प्रेस परिषद सदस्य आरती त्रिपाठी ने शिरकत की। श्री त्रिपाठी के नेतृत्व में श्री गिरीश चंद्र शर्मा ने वर्ष 2018 से 2021 के प्रत्येक माह की प्रिंटिंग कागज़, स्याही, केमीकल, बिजली, ट्रांसपोर्टेशन, लेबर व अन्य रसीदों सहित व्यय के विषय मे चर्चा करते हुए कहा कि पिछले 05 वर्षों से डी ए वी पी द्वारा विज्ञापन शून्य कर दिए गए हैं यहाँ तक कि राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी, 15 अगस्त व 02 अक्टूबर के विज्ञापन भी नही दिए जाते हैं महँगाई 3 से 4 गुना बढ़ने व विज्ञापन शून्य होने से अखबार भुखमरी के कगार पर पहुँच चुके हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने कहा कि लघु मध्यम समाचार पत्र को आवंटित बजट को भी पूंजीपति शहरी अखबारों को दे दिया जाता है सरकार की ग्राम विकास की योजनाएं का विज्ञापन भी उन शहरी अखबारों को दे दिया जाता है जिनका गाँव से कोई संबंध नही होता है, इसी के साथ श्री त्रिपाठी ने कहा कि डी ए वी पी की 2016 की पालिसी व जीएसटी ने पहले ही लघु मध्यम समाचार पत्रों की कमर तोड़ दी थी बाकी 15 अगस्त 2021 को एकाएक गिराई गई प्रसार संख्या से न्यूनतम दर के चलते जो प्रदेश सरकारों के गिनेचुने विज्ञापनों से अखबार किसी प्रकार अपने आपको जीवित रख रहे थे वो भी खत्म हो गए। सुश्री त्रिपाठी ने मांग पत्र देते हुए कहा कि लघु मध्यम समाचार पत्रों की दर इस भीषण महँगाई व महामारी को देखते हुये 3 से 4 गुना बढ़ा दी जाए बैठक में मौजूद श्री पंकज सलोदिया, डायरेक्टर (आई0आई0एस0 व आई0पी0), डी0जी0, डी0ए0वी0पी0 व रजिस्ट्रार आर0एन0आई0 ने अपने संबंधित अधिकारियों के साथ आश्वस्त किया आपकी मांग पर शीघ्र विचार किया जाएगा।
आरती त्रिपाठी
राष्ट्रीय महामंत्री, आइसना
व
सदस्य, भारतीय प्रेस परिषद