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असम सरकार द्वारा संचालित 15 असम चाय निगम के चाय बागान की बिक्री करने की निर्णय को दुमदुमा के पूर्व विधायक दुर्गा भूमिज ने आत्मघाती फैसला बताया । उक्त निर्णय एकपक्षीय होने के साथ इसका पुरजोर विरोध करते हुए सरकार के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के साथ इन बागानों को सरकार द्वारा संचालन करने की मांग की है। केंद्र और राज्य सरकार भाजपा के सरकार जाने के बावजूद किस कारण से असम सरकार द्वारा संचालित 15 चाय बागान को नुकसान, क्षतिग्रस्त या दिवालिया हुआ है ।जिस कारण से केंद्र सरकार और असम सरकार द्वारा इन बागानों की हितों की अनदेखी किए जाने से इन बगानों का वजूद के साथ चाय श्रमिकों का भविष्य अनिश्चितता के भंवर में फंसा हुआ है।
पूर्व विधायक दुर्गा भूमिज ने ने आरोप लगाया कि भाजपा के द्वारा दिए गए झूठे पर आश्वासन से इन बागानों पर संकट के बादल मंडरा रहा है । सरकार की अदूरदर्शीता के कारण इन चाय बागानों की माली हालत पर तनिक ध्यान नहीं दिया। इससे स्पष्ट होता है की श्रमिकों के आर्थिक एवं सामाजिक के लिए सरकार तनिक भी चिंता नहीं कर रही है। चाय श्रमिकों के कल्याण के लिए कोई दीर्घकालीन योजना क्रियान्वित न किया है और न करेगा। असम चाय निगम को बिक्री कर सरकार अपने दायित्व से पीछा छुड़ाना चाहती है । सरकार के कल्याणकारी कार्यो में पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में सरकार द्वारा चाय श्रमिक को कोई नीति नियम नहीं था और वर्तमान में डॉ हिमंत विश्व शर्मा के सरकार भी उसी नक्शे कदम पर चल रही है। सरकार द्वारा मनमानी रूप से कार्य चलाकर लूट राज आरंभ किए जाने का पूर्व विधायक दुर्गा भूमिज ने आरोप लगाया।
सरकार अपनी दक्षता से उक्त चाय बागान को आदर्श बागान के रूप में दिखाने की बजाए इसे बिक्री करने के लिए तुला हुआ है। सरकार के नीति पर आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक दुर्गा भूमिज ने कहा कि जारी विज्ञप्ति में कहा है कि चाय जनगोष्ठी के संगठनों के बीच मतभेद लाकर तथा टुकड़ा टुकड़ा कर के चाय श्रमिकों की आवाज को दबाने के लिए षड्यंत्र चला रही है। चाय जन्गोष्टी जातीय महासभा सरकार के मुखपात्र के सिवा कोई काम नहीं किया है । इस बार के चुनाव से 6-7 माह पूर्व श्रमिक गर्जन करने वाले नेता एक रात में ही श्रमिक वर्जन के साथ अपने स्वार्थ साधने का आरोप लगाते हुए पूर्व विधायक दुर्गा भूमिज ने कहा कि चाय जन्गोष्टी किसके ऊपर भरोसा करेगी वर्तमान समय में एक बङा प्रश्न बना हुआ है ।