143 Views
मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिश्व शर्मा के नेतृत्व वाली वर्तमान राज्य सरकार के निर्देश पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया गया है। इसी के तहत प्रशासन की ओर से राताबाड़ी केंद्र के जलालाबाद बाजार में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। नतीजा यह हुआ कि जिला प्रशासन ने कई करोड़ रुपये की लागत से बने पचास से अधिक मकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को ध्वस्त कर दिया। गुरुवार की सुबह जिला प्रशासन के निर्देश पर आनीपुर जमुआंग रोड किनारे जलालाबाद बाजार में अतिक्रमण हटाओ
अभियान चलाया गया। रामकृष्णनगर सर्कल अधिकारी सतीश प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में पुलिस और अर्धसैनिक बल को तैनात कर अतिक्रमण हटाओ अभियान को अंजाम दिया गया। नतीजतन, जलालाबाद बाजार में लगभग सभी कच्चे और पक्के दुकानों को प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिया गया है। इस वक्त जलालाबाद बाजार के चारो तरफ केवल खंडहर खंडहर हैं।पाठाखौरी जीपी अध्यक्ष इस्लामुद्दीन तालुकदार ने कहा की जिला प्रशासन ने जलालाबाद बाजार के व्यापारियों के लिए सरकारी जमीन खाली करने की समय सीमा निर्धारित किया गया था। लेकिन निर्धारित समय बीत जाने के बाद गुरुवार की सुबह, जिला प्रशासन को सशस्त्र पुलिस और अर्धसैनिक बलों की मदद से, अतिक्रमण हटाना पड़ा। जिस वजह से व्यापारियों ने स्वत ही अपना सामान सुरक्षित जगह ले जाना शुरू कर दिया। युद्ध स्तर की गतिविधियों से व्यापारियों को दुकानों का सामान ले जाने में काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़़ा। हालांकि, शांतिपूर्ण तरीके से अतिक्रमण हटाओ अभियान बिना किसी संघर्ष या विरोध के सम्पन्न हुआ। इस बीच इलाके के निबिया बाजार और दुर्लभछोरा में कई लोग सरकारी जमीन पर कब्जा किए हुए हैं। जिसके चलते साप्ताहिक बाजार सड़क पर ही बैठता हैं। अवैध कब्जे के चलते निबिया बाजार में पानी निकासी नाले का काम भी ठप्प पड़ा है। हाल ही में, प्रशासन ने निबिया बाजार में जमीन मुक्त कराने के लिए कदम उठाए हैं। जलालाबाद बाजार के बाद संकेत मिल रहे हैं कि निबिया बाजार में भी इसी तरह बेदखली का अभियान चल सकता है। फलस्वरूप कई लोग बाजार की जमीन को अनायास ही छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।