221 Views
गुवाहाटी : विहिप गोरक्षा भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद द्वारा एक गोभक्त महिलाओं की बैठक गोयल विला कुमारपाडा में आयोजित की गई। बैठक में अतिथि परिचय एवं आचार्य पद्धति से श्रीमती तारावती शर्मा ने प्रारंभ किया, फुलाम गोमछा पहनाकर श्रीमती विदिशा गोयल ने सम्मान किया। दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर एवं विहिप गोरक्षा केन्द्रीय पदाधिकारी डा. शुचि वर्मा ने कहा सभी गोभक्त मातृशक्ति बहिनों पर सदा माँ कामाख्या माता आशीर्वाद बना रहे। असम की देशी गाय का नाम लक्ष्मी है, इसके पंचगव्य तत्वों का बहुत महत्व है। गाय और तुलसी पूजन सभी घरों में हो यह सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करता है। गौ, गंगा, गीता, गायत्री और गांव से भारत देश संस्कृति और संस्कार का संरक्षण होगा। विहिप गोरक्षा का तीन दिवसीय अखिल गोभक्त महिलाओं का सम्मेलन गत माह दिल्ली में हुआ। जिसमें असम प्रान्त विहिप गोरक्षा संरक्षिका तारावती दीदी के साथ चार गोभक्त बहिनों ने सहभागी बनीं। आज देश भर में मातृशक्ति गोपालन गो संवर्धन के द्वारा अनेक उत्पाद निर्माण कर स्वावलंबी आत्मनिर्भर बनीं है जो हम सबके लिए बहुत ही आनन्द विषय है। इसलिए असम क्षेत्र में छोटे छोटे महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर गाय के गोबर से धूप वत्ती, दन्तमंजन, दीया, अनेक मूर्तियां, फेशपैक, मच्छर क्वायल, हवन बिस्कुट, गोकाष्ट, समिधा, वर्तनधोने का पाउडर, गमला, गोमय कण्डे, व खाद, एवं गोमूत्र से गोनाइल, मच्छर भगाने का तेल, एवं गोमूत्र अर्क आदि का प्रशिक्षण लेकर इन गो उत्पादों का निर्माण कर देशी गाय के गोबर गोमूत्र से स्वावलंबी बन रहीं हैं। ऐसे केन्द्र मातृशक्ति गोभक्त बहिनों स्थापित हो लामडिंग से श्रीमती सोमा मोहुरी, सुश्री सुष्मिता दास व लखीमपुर से श्रीमती प्रो.धनन्दा देवी विहिप गोरक्षा उपाध्यक्ष व ज्योति शर्मा ने अपने अपने अनुभव साझा किया। बैठक में श्रीमती शौलेश चरखा, करिश्मा दास, शान्तामित्तल, सुनीता मित्तल, नीशा अग्रवाल, आशा रहिला, डिगमुनि बराली दास, कान्ता जी एवं विहिप गोरक्षा केन्द्रीय मंत्री उमेश पोरवाल , प्रान्त गोरक्षा प्रमुख सुरेन्द्र गोयल और आर्यसमाज प्रधान महेन्द्र राजपूत आदि उपस्थित थे।