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2000 साल पुराना है भारत में चाय का इतिहास

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भारत के लोगों का चाय से काफी पुराना रिश्ता रहा है. दुनिया में चाय का सबसे बड़ा उत्पादक भारत है. जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत की खपत यहां की जाती है. लेकिन क्या आप जानते चाय का इतिहास क्या है? भारत में चाय की शुरुआत कब से हुई थी. आइए यहां जाने इससे जुड़ी सारी बातें…

चाय का इतिहास

कहा जाता है कि चाय पीने का इतिहास लगभग 750 ईसा पूर्व से है. और भारत में चाय पीने की शुरुआत 2000 साल पहले हुई थी. जो एक बौद्ध भिक्षु द्वारा की गई थी. दरअसल ऐसा कहा जाता है कि लगभग 2000 साल पहले बौद्ध भिक्षु चाय की पत्तियों को इसलिए खाते थे ताकि वे अपनी तपस्या आसानी से कर पाएं.i
क्योंकि पत्तियां को खाने के बाद वे काफी देर तक जगने में सक्षम रहते थे. जिसके बाद 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा पहला चाय का बागान शुरू किया गया था. ईस्ट इंडिया कंपनी ने ये बागान भारत के उत्तर पूर्वी इलाकों में शुरू किया.

जोरहाट- असम

असम देश का सबसे बड़ा चाय उत्पादक माना जाता है. दक्षिणी चीन और असम पूरे दुनिया के ऐसे दो क्षेत्र हैं जहां पैदाइशी चाय के पौधे उगाए जाते हैं. असम के जोरहाट में हर साल एक चाय महोत्सव का आयोजन किया जाता है जहां भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं.

निलगिरी- तमिलनाडु

ऐसा कहा जाता है कि निलगिरी पहाड़ियों पर लगभग 100 साल से चाय उगाई जा रही है. नीलगिरि के पास है कुनूर में भी पर्यटक कई सुन्दर चाय बागानों को देखने के लिए जाते हैं.

दार्जिलिंग- पश्चिम बंगाल

भारत के सबसे सुंदर चाय बागान में दार्जिलिंग का नाम भी शामिल है.जहां लगभग 25 प्रतिशत चाय उत्पादन होता है. अकसर पर्यटकों यहां जाने की सलाह दी जाती है.

पालमपुर

पालमपुर हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा घाटी में प्राकृतिक रूप से समृद्ध हिल स्टेशन और नगरपालिका है, जो कि चाय बागानों और देवदार के जंगलों से घिरा है. पालमपुर के चाय के बागान पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण हैं.

मुन्नार- केरल

दक्षिण भारत के केरल में स्थित मुन्नार भारत की एक ऐसी जगह है जहां चाय के काफी सुंदर बागान हैं.

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