भारत में संक्रामक बीमारी मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया है. देश में मंकीपॉक्स का पहला केस केरल के कोल्लम में मिलने की पुष्टि हो गई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया था कि विदेश से लौटे एक व्यक्ति में लक्षण दिखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसके सैंपल एकत्र कर टेस्टिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए थे. जहां उसके मंकीपॉक्स से संक्रमित होने की पुष्टि हो गई है.
मंकीपॉक्स वायरस के मुद्दे पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रिंसिपल सेक्रेटरी और स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर सभी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी जरूरी दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने और इस संबंध में पर्याप्त कदम उठाए जाने का निर्देश दिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस साल १ जनवरी से २२ जून तक दुनियाभर के ५० देशों में मंकीपॉक्स वायरस के ३४१३ कंफर्म केस मिले हैं. इनमें एक व्यक्ति की मौत हुई. ज्यादातर मामले यूरोपियन देशों में पाए गए हैं. यह वायरस धीरे-धीरे पूरी दुनिया में फैल रहा है. इसलिए मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हमें सतर्क रहना चाहिए और इस बीमारी के खिलाफ हमारी तैयारी पूरी होना चाहिए.
केंद्र सरकार ने कहा कि सभी संदिग्धों की निगरानी और उनकी टेस्टिंग की जानी चाहिए और बेहतर सर्विलांस की व्यवस्था होनी चाहिए. संक्रमित व संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन में रखना होगा. साथ ही मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने वाले मरीज के लिए समय पर बेहतर इलाज की व्यवस्था होनी चाहिए.
महामारी से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त स्टाफ और संसाधनों की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. अस्पतालों में मंकीपॉक्स वायरस की पहचान करने कि लिए जरूरी व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने दोहराया कि देश पहले से कोरोना महामारी से जुड़ी चुनौतियों से जूझ रहा है. इसलिए हमें नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अलर्ट रहना होगा. केंद्र ने कहा कि इस विषय पर सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइंस के तहत पर्याप्त और प्रभावी कदम उठाएं, साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बेहतर तैयारी रखें.