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पिछले दो वर्षों से कांवड़िया पथ व मासिमपुर खेवाघाट भी सुना-सुना था, लेकिन इस वर्ष बाबा भोलेनाथ की भक्ति को लेकर कांवड़ियों का जत्था मासिमपुर व आस पास के इलाकों में श्रावण के प्रथम सोमवार से ही एकबार पुनः देखने लायक रहा। सावन माह में शिव की भक्ति व शिव की आराधना किसी महाकुंभ से कम नहीं है, तभी तो सावन भर शिव भक्तों का अंबार लगा रहता है। सावन भर कांवड़ियाें के बोल बम के जयघोष से खेवाघाट समेत पूरा गांव गुलजार रहता है। कांवड़ यात्रा में न कही जात-पात का भेदभाव न कही अमीर-गरीब का फर्क। कांवड़ यात्रा के दौरान सबकी मंजिल एक बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक करने की होती है। इसदिन सुबह ४ बजे भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए स्नान करने के बाद जल लेकर कांवड़ियों का जत्था खेवाघाट से निकल पड़ा जो की लम्बी दो घंटे तक की पैदल यात्रा कर डलु, रामपुर स्थित शिव मंदिर में बाबा को अभिषेक किया ।