गौहाटी उच्च न्यायालय ने होजई पुनर्वास शिविर में रहन-सहन की अमानवीय स्थितियों को लेकर असम सरकार की खिंचाई की है। नवंबर 2021 में बेदखली अभियान में विस्थापित लगभग 350 परिवार वर्तमान में असम के होजई जिले के पुनर्वास शिविर में रह रहे हैं।
गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संदीप मेहता ने असम सरकार के अधिवक्ता डी नाथ से कहा, यह सर्वोच्च आदेश की अमानवीयता है।
गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने असम सरकार के अधिवक्ता से पूछा, कब तक आप लोगों को मवेशियों की तरह तिरपाल से बने अस्थायी आश्रयों में रख सकते हैं?
गौहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने ये टिप्पणी वरिष्ठ अधिवक्ता बीडी कोंवर द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के आधार पर की। गौहाटी उच्च न्यायालय के निर्देश पर कोंवर ने 20 अप्रैल को असम के होजई जिले में पुनर्वास शिविर का दौरा किया था।गौहाटी उच्च न्यायालय ने असम सरकार को तत्काल प्रभाव से आश्रय गृहों को पोर्टेबल पानी की आपूर्ति प्रदान करने का निर्देश दिया। एडवोकेट बीडी कोंवर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि असम के होजई जिले में पुनर्वास शिविर में पीने के पानी की उचित सुविधा का अभाव है।