

आज हिंदीभाषी समन्वय मंच, हिंदीभाषी महिला मंच और हिंदीभाषी युवा मंच ने संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रधानमंत्री से शिलचरवासियों को घर घर पाइप से रसोई गैस पहुंचाने की मांग की गई है। प्रतिनिधिमंडल में दिलीप कुमार, रामनारायण नुनिया, सुभाष चौहान, प्रदीप कुर्मी, गणेश लाल छत्री, अनंत कुर्मी, डॉ रीता सिंह यादव, मनोज कुमार जायसवाल और रितेश नुनिया आदि शामिल थे।
काछार के जिलाधिकारी रोहन कुमार झा को दिए ज्ञापन में प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए लिखा है कि
सम्मानीय भारत के प्रधानमंत्री जी,
हम भारत के नागरिक यह जानते है कि आपकी इच्छा है कि हम हाइड्रोकार्बन (कच्चा तेल सह भोजन तैयार करने के लिए रसोई गैस) आयात में कमी करे। विदेश से हाइड्रोकार्बन आयात करने के लिए वित्तवर्ष 2021 से 2022 तक हम प्रायः दश लाख करोड़ रुपए खर्च कर दिए थे। भारत सरकार की पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक उपक्रम ओएनजीसी लगातार कई वर्षो से दक्षिण असम में हाइड्रोकार्बन अन्वेषण एवं उत्पादन में कार्यरत है तथा उसे सफलता भी प्राप्त हुआ है। असम के इस दक्षिण क्षेत्र को बराकघाटी नाम से भी जाना जाता है, जहाँ का सबसे बड़ा तथा असम का दूसरा सबसे अधिक जनपूर्ण नगर है शिलचर। आपको जानकर हर्ष होगा कि इसी शिलचर नगर के समीप ओएनजीसी के बाँसकांदी तथा भुवनडर क्षेत्र में प्राकृतिक गैस एवं कांडेनसेट का उत्पादन किया गया है। ओएनजीसी ने शिलचर नगर के समीप एक संयत्र का निर्माण किया है South Banskandi – GCS के नाम से। ओएनजीसी ने 2019 में असम सरकार की सार्वजनिक उपक्रम असम गैस कंपनी निगम (AGCL) के संग समझौता किया था अपने द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस विक्री करने के लिए। एजीसीएल का कार्य है प्राकृतिक गैस वितरण करना घरेलू तथा भिन्न उद्योगों में उपयोग के लिए। दुर्भाग्य से एजीसीएल आज तक शिलचर नगर के लोगो को यह प्राकृतिक गैस उपलब्ध नही करा पायी उनके घरेलू या औद्योगिक उपयोग के लिए। उल्लेखनीय है कि एजीसीएल ने पूर्व भारती गैस प्राइवेट लिमिटेड नाम के एक संयुक्त उद्यम को यह दायित्व दिया है शिलचर नगर में पाइपलाइन के द्वारा ओएनजीसी द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस लोगो के घरो तक पहुँचाए। शिलचर के समीप एक छोटा सा नगर है सोनाइ जहाँ इसी उद्यम के द्वारा प्रायः ५०० घरो तक तीन वर्षो से प्राकृतिक गैस दिया जा रहा है किंतु एक षड़यंत्र के द्वारा शिलचर में यह सुविधा उपलब्ध नही हो रहा है। फलस्वरूप यहाँ के निवासी सस्ता एवं सुलभ रसोई गैस प्राप्त नही कर पा रहे है पाइप के द्वारा। ओएनजीसी द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस उपयोग करने से बहुमूल्य विदेशी मुद्रा का बचत होगा जो हम खर्च करते है विदेश से हाइड्रोकार्बन आयात करने के लिए।
अतः महोदय आर्थिक विषय से संबंधित इस गंभीर विषय को आप संज्ञान लीजिए तथा इस प्रकल्प से जुड़े हुए सभी व्यक्तियो को दिशा-निर्देश दीजिए ताकि अति शीघ्र शिलचर निवासियो को ओएनजीसी द्वारा उत्पादित प्राकृतिक गैस प्राप्त हो एजीसीएल द्वारा।
ज्ञापन की प्रतिलिपि राज्यपाल असम, मुख्यमंत्री असम, मंत्री पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, मंत्री पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय एवं रामेश्वर तेली जी, राज्यमंत्री, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय को प्रेषित की गई है।




















