कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आपराधिक मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने की याचिका सूरत सत्र न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद उन्होंने अब गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया…

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की आपराधिक मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने की याचिका सूरत सत्र न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बाद उन्होंने अब गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया है। गांधी की अपील अधिवक्ता पंकज चंपानेरी ने 25 अप्रैल को दायर की थी।
सूरत सत्र न्यायालय ने पहले कांग्रेस नेता के खिलाफ भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने के राहुल गांधी के अनुरोध को खारिज कर दिया था। उसने तर्क दिया था कि मजिस्ट्रेट की अदालत ने उसके साथ कठोर व्यवहार किया था।
23 मार्च, 2023 को राहुल गांधी को उनकी 2019 की टिप्पणी के लिए दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी, सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है?” हालांक, 20 अप्रैल को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रॉबिन मोगेरा ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि मोदी की शिकायत सुनवाई योग्य नहीं है।
अदालत ने अपने 27 पन्नों के आदेश में कहा कि राहुल गांधी यह प्रदर्शित करने में विफल रहे कि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाने और चुनाव लड़ने के अवसर से इनकार करने से उन्हें अपरिवर्तनीय और अपरिवर्तनीय क्षति होगी।न्यायाधीश ने कहा कि मोदी गुजरात के पूर्व मंत्री हैं और सार्वजनिक जीवन में शामिल हैं और इसलिए गांधी द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी से निश्चित रूप से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा होगा और उन्हें दर्द और पीड़ा हुई होगी।





















