मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में लगातार दो दिन तक हिंसा के बाद राज्य के अन्य हिस्सों से भेजे गए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को हटाए जाने के साथ ही स्थिति सामान्य होती नजर आई
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में लगातार दो दिन तक हिंसा के बाद राज्य के अन्य हिस्सों से भेजे गए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को हटाए जाने के साथ ही स्थिति सामान्य होती नजर आई। अधिकारियों ने बताया कि चुराचांदपुर शहर में दुकानें और बाजार खुले, जबकि सड़कों पर भी वाहन दौड़ते दिखाई दिए। शुक्रवार और शनिवार को शहर में काफी विरोध-प्रदर्शन और हिंसा हुई थी।लोगों को गिरजाघर जाते हुए भी देखा गया। यही नहीं, स्थानीय लोग सड़कों से यातायात को बाधित करने वाले पत्थर, पेड़ के तने और अन्य अवरोधक हटाने में प्राधिकारियों की मदद करते नजर आए। ये प्रदर्शन संरक्षित वन क्षेत्रों से ग्रामीणों को हटाने के खिलाफ किए गए थे। प्रदर्शनकारियों के हिंसक होने के मद्देनजर प्राधिकारियों को राज्य के अन्य हिस्सों मुख्यत: राजधानी इंफाल से अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुलाना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि बहरहाल, अन्य क्षेत्रों से बुलाए गए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को शनिवार शाम को हटा लिया गया। उन्होंने बताया कि सरकार, नागरिक समाज संगठनों और छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक के बाद यह फैसला लिया गया था। इन सुरक्षाबलों को प्रदर्शनकारियों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था।एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, जिले में शनिवार से अगले आदेश तक हर रोज शाम पांच बजे से सुबह पांच बजे तक रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा। अधिकारियों ने बताया कि जिले में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-144 के तहत लागू निषेधाज्ञा आदेश और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन जारी रहेगा। चुराचांदपुर शहर में शुक्रवार को विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़पें हुई थीं। सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठी-डंडों, आंसू गैस और रबड़ की गोलियों का सहारा लिया था।