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भारत सरकार की मनमानी के विरुद्ध हम आवाज उठाते रहेंगे-कांग्रेस, शिलचर में काछाड़ कांग्रेस ने किया सत्याग्रह आन्दोलन

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यशवन्त पाण्डेय शिलकुड़ी 3 मई । असम प्रदेश कांग्रेस के निर्देश पर शिलचर इन्दिरा भवन स्थित कांग्रेस कार्यालय के सामने शिलचर जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अभिजीत पॉल के नेेेतृत्व में पूूूरे असम केे साथ शिलचर में जोरदार सत्याग्रह आंदोलन किया गया । 

बड़खला के विधायक मिसबाहुल इस्लाम लस्कर, असम कांग्रेस कमिटि के सचिव थैबा सिंह, काछाड़ जिला महिला कांग्रेस सभानेत्री विद्यावती रबिदास, महासचिव विश्वजित मालाकार, कांग्रेस के संजीव राय, राजीव कुमार राय, गोबिन्द चन्द्र पाल, तिलक चन्द्र दास, हबिबूल रहमान बड़भूईया, अब्दुल रजक, शरीफ रहमान लश्कर आदि ने सत्याग्रह आंदोलन में विभिन्न वक्ताओं ने अपना वक्तव्य रखा । इस अवसर पर

 काछाड़ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अभिजित पाल ने कहा कि ब्रिटिश काल में जैसे महात्मा गांधी ने यातायात नीति का विरोध सत्याग्रह के जरिए किया था। ठीक ऐसे ही, आज केंद्रीय सरकार और राज्य सरकार के गमन नीति के विरुद्ध में फिर से भारतीय जातीय कांग्रेस ने सत्याग्रह आंदोलन किया है । हमारे नेता राहुल गांधी ने संसद में दो प्रश्न किया था , की भारत के प्रधान मंत्री और अडानी के  

साथ क्या संपर्क है ? संसद राहुल गांधी ने एक फोटो दिखाया था, और आज हम इस फोटो को लेकर सत्याग्रह आन्दोलन में बैठे हैं। फोटो के जरिए साफ–साफ दिखाई दे रहा है की मोदीजी और अडानी में क्या संपर्क है । यह सब समझ रहे हैं। एक ही हवाईजहाज में वे दोनो लोग कैसे अपना जीवन–यापन कर रहे हैं। जब हमारे सांसद ने दूसरा प्रश्न किया था , की प्रतिरक्षा मंत्रालय का दावित्व अडानी कंपनी को दिया गया था , तब अडानी कंपनी के पास 20 हजार करोड़ रुपए कहा से आया था ? ये दो प्रश्न करने के बाद ही राहुल गांधी को संसद से बाहर निकाल दिया गया था । राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक में चुनाव के दौरान एक भाषण में कहा था की , यह हमारी दुर्भाग्य है , हर चोरों का नाम मोदी ही क्यों होता है ? उस वक्त गुजरात के सूरत के एक भाजपा विधायक ने सूरत के अदालत में राहुल गांधी के ऊपर शिकायत दर्ज किया था । हालाकि उनको तुरंत जमानत भी मिल गई, फिर दोबारा कोर्ट से उनको 30 दिनों की मोहलत दी गई है , लेकिन देखा जाए तो जब राहुल गांधी ने संसद में ये प्रश्न किया था , तब भारत के प्रधान मंत्री के पास इसका कोई उत्तर नही था । राहुल गांधी को मानहानि केस में उन्हें 2 साल की सजा सुनाई गई है, फिर उन्हे संसद से निष्कासन किया गया और बाद में उनको सरकारी आवास से निकाला गया ।

हम जानते है कि सबसे शक्तिशाली संविधान हमारे भारत का संविधान है , इस संविधान में अदालत को और कानून को सबसे ऊपर रखा गया है, लेकिन देखा जाए तो अदालत को भी केंद्रीय सरकार अपने मन से चला रही है , आप देखेंगे भारत के विभिन्न अदालतों में बहुत सी मानहानि के मुकदमे चलते हैं, लेकिन कभी 2 साल की सजा नही सुनाई गई , लेकिन राहुल गांधी के क्षेत्र में अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई है। इससे ही हम समझ सकते है की वो लोग कोर्ट कैसे अपने हिसाब से चला रहे है , कानून को कैसे अपने हिसाब से चला रहे है । जैसे महात्मा गांधी ने अहिंसा परम धर्म को चलाया था, इसी तरह हम भारतीय जातीय कांग्रेस फिर से उसी पथ पर चल रहे हैं। 

ऐसेही हम भाजपा सरकार की मनमानी के विरुद्ध भारतीय आवाज उठाते रहेंगे ।आन्दोलन के दौरान कांग्रेस नेता संजीव राय ने स्लोगन में कहा कि तब लड़े थे गोरो से अब लड़ेंगे चोरो से। साथ ही जोशीला भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि हम हिन्दू मुसलमान शिख ईसाई सब एक हैं, हमारे बीच कोई भेदभाव नही है, हमे भारत को आगे बढ़ाना है

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