22 मई 2023 बोकाजान में विश्व हिन्दू परिषद दस दिवसीय शिक्षा वर्ग में आज जानकारी सत्र में विहिप भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद केन्द्रीय मंत्री उमेश चन्द्र पोरवाल जी ने भारतीय गोवंश संरक्षण संवर्धन से ग्राम विकास पर्यावरण सुरक्षा, गोरक्षा और कानून भारतीय गोधन अर्थव्यवस्था का मूल्याधार है के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि
उसका गोबर और गोमूत्र धरती का पोषण करता पर्यावरण संरक्षण की सुरक्षा करता है। गो दुग्ध, दही, गोघृत मानव जीवन को स्वस्थ एवं ऊर्जा वान बनाये रखने आधार है, गोघृत यज्ञ, हवन से वातावरण एवं पर्यावरण का संरक्षण होता है। जो मानव जीवन के लिए उपयोगी है।
देशभर के वैज्ञानिकों ने स्वीकार किया भारतीय देशी गाय का पंचगव्य यानि गोबर, गोमूत्र, गो दुग्ध, दही और गोघृत धरती को, और मानव की शुध्दी पवित्र करता है, गोमूत्र रोग प्रतिरोधक है। अनेक प्रकार की बीमारियों का निदान करता है। गोसेवा से सुख शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती। देशी गाय समास्याओं का समाधान करती है। वर्ग प्रमुख मून डेका सहित उत्तर पूर्व प्रान्त के प्रमुख कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पोरवाल जी ने कहा असम सरकार ने कानून गोवंश संरक्षण का बना दिया है लेकिन कानून का पालन नहीं हो रहा। कार्यकर्ता प्रदेश भर गो वंशों गो तस्करों से कटने जाने पुलिस के सहयोग से बचाते है लेकिन सरकार की कोई व्यवस्था नहीं जहाँ उनको रखा जा सके। उन्होंने अन्य राज्यों में गोवंश विकास के लिए किये जा रहे कार्यों को अवगत कराया और कहाँ उत्तर प्रदेश सरकार ने पंचायत स्तर पर गो आश्रय केन्द्र स्थापित किये एवं प्रति गोवंश पालकों प्रति दिन प्रति गोवंश के भरणपोषण के लिए 30 रुपये देतीं हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में सरकार गोबर और गोमूत्र खरीदकर किसान गोपालकों को आत्मनिर्भरता कि ओर आग्रेसित बढ़ती जा रही है। किसान जैविक खेती करते जा रहे और असम की सरकार ने गोवंश के विकास के लिए कोई कदम नहीं उठाये। उल्टे ही आधुनिक बूचड़खाने कत्लखाने खोल रहीं हैं। अभी कुछ दिन पूर्व लखीमपुर जिला बूचड़खाने का निर्णय लिया विहिप गोरक्षा विभाग सरकार के निर्णय की निंदा करता है और सरकार को सद्बुद्धि प्रदान हो गोवंश के विकास करने के लिए अन्य राज्यों की तरह असम राज्य में विकास का विकास के लिए जिलों में सरकारी गौ अभयारण्य बनाऐं जाऐ। महामहिम राज्यपाल जी अभी आई आई टी गुवाहाटी में दो दिवसीय गो विज्ञान की राष्ट्रीय कार्यशाला में उद्घाटन उद्बोधन में कहा गाय के सींग से अणु खाद बनती है और जब गाय स्वयं शरीर छोड़ देतीं हैं। उसका संस्कार किया जाये उससे समाधि खाद निर्माण होती है। उसका दूध, दही, गोमूत्र, घी बहुत उपयोगी है। अनेक बीमारियां ठीक होती है।
आज देश में गोवंश के लिए गो मंत्रालय बनाया जाय अलग से तब ही देश गोवंश का विकास होगा। पोरवाल जी रेडिएशन रोधी गोबर चिप सब को दिए, अपने अपने मोबाइल पर लगाने के लिए एवं उसके लाभ से अवगत कराये।