आज के भौतिक संसाधनों से भरपूर युग में जहां यातायात के इतने साधन हैं,व्यवस्थाएं हैं, वहां भारतीय ऋषि परंपराओं को जीवित रखते हुए महान परिव्राजक आचार्य श्री महाश्रमण जी जन उपकार के लिए निरंतर पद यात्रा कर रहे हैं ।देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले से सन 2014 से अहिंसा यात्रा का प्रारंभ करने वाले आचार्य श्री ने न केवल भारत ,नेपाल, भूटान आदि देशों में भी मानवता के उत्थान का कार्य किया है बल्कि आचार्य श्री देश के राष्ट्रपति भवन से लेकर गांव की झोपड़ी तक शांति का संदेश देने का कार्य कर रहे हैं। आचार्य श्री की प्रेरणा से हर जाति, धर्म,वर्ग के लाखों लोगों ने इस सुदीर्घ अहिंसा यात्रा में नैतिकता, सद्भावना एवं नशा मुक्ति के संकल्पों को स्वीकार किया है।अहिंसा यात्रा के प्रारंभ से पूर्व भी आचार्य श्री महाश्रमण जी ने स्व से पर कल्याण के उद्देश्य से करीब 34000 वर्ग किलोमीटर का सफर कर लिया था ।12 वर्ष की अल्पायु में अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी के शिष्य के रूप में दीक्षित एवं प्रेक्षा प्रणेता आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के उत्तराधिकारी के रूप में प्रतिष्ठित आचार्य श्री महाश्रमण जी ने अभी तक भारतवर्ष के दिल्ली, उत्तर प्रदेश,हरियाणा, पंजाब,गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार,असम, नागालैंड, मेघालय, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल ,पांडिचेरी, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना ,महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़ राज्य तथा नेपाल एवं भूटान की पदयात्रा कर लोगों को सदाचार की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया है।
यात्रा के दौरान कई धर्मगुरुओं ने आचार्यश्री से मिलकर उनके जन कल्याणकारी अभियान के प्रति समर्थन प्रस्तुत किया, वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ,प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ,पूर्व राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम, श्री प्रणब मुखर्जी, श्रीमती प्रतिभा पाटिल, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, एवं प्रधानमंत्री सुशील कोइराला, पूर्व राष्ट्रपति रामबरन यादव श्री मोहन भागवत, श्री अमित शाह, श्री लालकृष्ण आडवाणी ,श्री पीयूष गोयल ,श्री राजनाथ सिंह ,श्रीमती सोनिया गांधी ,श्री राहुल गांधी, श्री पी चिदंबरम आदि अनेक राजनेता भी आचार्य श्री के सानिध्य में पहुंचे एवं उनके द्वारा किए जा रहे समाज उत्थान के महत्वपूर्ण कार्यों में अपनी सहभागिता दर्ज कराई।इसके साथ साथ ही श्री नीतीश कुमार ,श्री अशोक गहलोत, श्री नवीन पटनायक, श्री सर्बानंद सोनोवाल ,सुश्री ममता बनर्जी ,श्री येदुरप्पा, श्री पलानी स्वामी आदि कई मुख्यमंत्रियों एवं राज्यपालों सहित कई विशिष्ट लोगों ने भी अहिंसा यात्रा में अपनी सहभागिता दर्ज की।
आचार्य श्री महाश्रमण जी पदयात्रा के दौरान प्रतिदिन 15 से 20 किलोमीटर का सफर तय कर लेते हैं। जैन साधु की कठोर दिनचर्या का पालन एवं प्रातः 4:00 बजे उठकर घंटों तक जप, ध्यान की साधना में लीन रहने वाले आचार्य श्री अपने प्रवचन के माध्यम से भी जनता को संबोधित करते हैं। 28 जनवरी 2021 अहिंसा यात्रा के प्रणेता तेरापंथ धर्म संघ के 11वें अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी ने आज अपने पावन कदमों से पदयात्रा करते हुए 50000 किलोमीटर के आंकड़े को पार कर एक नए इतिहास का सृजन कर लिया। आंकड़ों पर गौर करें तो यह पदयात्रा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की दांडी यात्रा से 125 गुना ज्यादा बड़ी और पृथ्वी की परिधि से सवा गुना अधिक बढ़ी है यदि कोई व्यक्ति इतनी पदयात्रा करें तो वह भारत के उत्तरी छोर से दक्षिण छोर अथवा पूर्वी छोर से पश्चिम छोर तक की 15 बार से ज्यादा यात्रा कर सकता है।
*शांतिलाल डागा *सिलचर*