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संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह पर सियासी जंग, अबतक सात दलों ने किया बहिष्कार का एलान; कौन-कौन हैं शामिल

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आम आदमी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भारतीय भाकपा ने मंगलवार को एलान किया कि वे 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे। अब RJD-DMK और उद्धव गुट ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है।

नई दिल्ली, 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन होना है। ऐसे में कई राजनीतिक दल अभी से ही नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का विरोध कर रहे हैं। अब तक सात दलों ने 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है।राष्ट्रीय जनता दल (RJD), उद्धव ठाकरे गुट, DMK और शरद पवार की पार्टी ने आज नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का फैसला किया है।

उद्धव ठाकरे गुट करेगा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार

उद्धव ठाकरे गुट भी नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगा। संजय राउत ने कहा कि सभी विपक्षी दलों ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है और हम भी ऐसा ही करेंगे।

DMK ने उद्घाटन समारोह से दूरी

इसके अलावा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) भी नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी। DMK सांसद तिरुचि शिवा ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि DMK उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी।

कितने दलों ने किया बहिष्कार का एलान?

तृणमूल कांग्रेस ने सबसे पहले समारोह में शामिल नहीं होने का एलान किया था। इसके बाद आम आदमी पार्टी और भारतीय भाकपा ने मंगलवार को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का एलान किया था। इन तीनों दलों ने घोषणा की थी कि वे 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के भी उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की संभावना है। बहिष्कार को लेकर एक संयुक्त बयान जल्द ही जारी किया जा सकता है।

संजय सिंह ने सरकार पर साधा निशाना

आप के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को आमंत्रित नहीं करना उनका घोर अपमान है। यह आदिवासियों का भी अपमान है। आम आदमी पार्टी इसके विरोध में उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगी।

पीएम का नए संसद भवन का उद्घाटन करना गरिमा के खिलाफ- डी राजा

उधर भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह से दूर रहेगी। वैसे इस मसले पर बहुत जल्द विपक्षी दलों की एक बैठक भी प्रस्तावित है और उसमें ममता खुद आने की बजाय अपने किसी मंत्री को भेजने वाली हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि राज्यसभा व लोकसभा के साथ राष्ट्रपति संसद का अविभाज्य हिस्सा हैं। ऐसे में पीएम का नए संसद भवन का उद्घाटन करना संवैधानिक नियमों व गरिमा के खिलाफ है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार को घेरा

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद की नई इमारत के शिलान्यास और उद्घाटन पर राष्ट्रपति को नहीं बुलाए जाने को लेकर सोमवार को सरकार को घेरा था। साथ ही कांग्रेस की ओर से विपक्षी खेमे के दलों से बहिष्कार की साझी रणनीति के लिए अनौपचारिक चर्चा शुरू कर दी। इसकी आहट भांपते ही तृणमूल कांग्रेस ने मंगलवार को सबसे पहले समारोह के बहिष्कार की घोषणा कर दी।

भारतीय लोकतंत्र की नींव है नई संसद- डेरेक ओब्रायन

दरअसल, तृणमूल विपक्षी सियासत का हिस्सा तो बने रहना चाहती है मगर कांग्रेस का नेतृत्व अभी उसे स्वीकार्य नहीं है। इसीलिए राज्यसभा में तृणमूल संसदीय दल के नेता डेरेक ओब्रायन ने ट्वीट में कहा ‘संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है। यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों व नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है। यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है। पीएम को यह समझ नहीं आ रहा है। उनके लिए नए भवन का उद्घाटन मैं और मेरे बारे में है तो हमें इससे बाहर गिना जाए।’

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